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पहली बार संयुक्त घोषणापत्र के बिना समाप्त हो सकता है जी20 शिखर सम्मेलन, ये है प्रमुख वजह

पहली बार संयुक्त घोषणापत्र के बिना समाप्त हो सकता है जी20 शिखर सम्मेलन, ये है प्रमुख वजह

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नई दिल्ली, 9 सितम्बर। राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में दो दिवसीय G20 शिखर सम्मेलन  जारी है। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपियन यूनियन, यूएई सहित दुनियाभर के नेता इस सम्मेलन के दौरान कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस समिट में दुनिया के बड़े देशों के नेताओं के अलावा कई वैश्विक संगठनों के प्रमुख भी हिस्सा ले रहे हैं।

हालांकि ऐसी आशंका है कि इस बार का शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणापत्र के बिना समाप्त हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो ये जी20 के इतिहास में पहली बार होगा। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सर्वसम्मति का अभाव हो सकता है। जी20 में रूस और चीन भी शामिल हैं, जो यूक्रेन के संदर्भ में किसी भी कड़ी भाषा या शब्दावली का समर्थन नहीं करेंगे जबकि यूक्रेन संकट अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए एक बड़ा मुद्दा है और वे इस मामले पर रूस को घेरने का मौका नहीं छोड़ना चाहते।

भारत ने घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करने के लिए नया पैराग्राफसाझा किया

यही कारण है कि यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं होने के कारण भारत ने शुक्रवार को भू-राजनीतिक मुद्दे से संबंधित पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र का एक मसौदा साझा किया था ताकि सकारात्मक परिणाम निकल सके। अब भारत ने शनिवार को जी20 देशों के बीच समूह के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत में जारी होने वाले नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करने के लिए एक नया ‘पैराग्राफ’ साझा किया है।

यूक्रेन पर भारत की ओर से घोषणापत्र में नया पाठ तब साझा किया गया, जब जी20 नेताओं ने शिखर सम्मेलन के पहले दिन गंभीर वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श शुरू किया। यूक्रेन के संदर्भ में शब्दावली पर सर्वसम्मति के अभाव के चलते शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणापत्र के बिना समाप्त हो सकता है। ऐसा इस समूह के लिए पहली बार होगा।

गत तीन-छह सितम्बर तक हरियाणा के नूंह जिले में हुई जी20 शेरपा बैठक में यूक्रेन मुद्दे का उल्लेख करने वाले पाठ पर कोई सहमति नहीं बनी थी। हालांकि भारतीय वार्ताकारों का मानना ​​है कि शनिवार सुबह प्रसारित किए गए नए पैराग्राफ पर आम सहमति बन जाएगी। यूक्रेन से संबंधित इस नए पैराग्राफ पर पश्चिमी शक्तियों के साथ-साथ चीन और रूस की प्रतिक्रिया के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिली है।

पूर्व में दो सूत्रों ने कहा था कि जी7 देश यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ के बिना किसी भी घोषणापत्र पर सहमत नहीं हैं। जी20 आम सहमति के सिद्धांत के तहत काम करता है और ऐसी आशंकाएं रही हैं कि आम सहमति के अभाव में शिखर सम्मेलन संयुक्त घोषणा के बिना ही संपन्न हो सकता है।

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