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हमले के बाद पाकिस्तान सख्त : ईरानी राजदूत को वतन वापसी का भेजा आदेश, अपना राजदूत वापस बुलाया

हमले के बाद पाकिस्तान सख्त : ईरानी राजदूत को वतन वापसी का भेजा आदेश, अपना राजदूत वापस बुलाया

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इस्लामाबाद, 17 जनवरी। अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी आतंकवादी समूह के ठिकानों पर मंगलवार को ईरान द्वारा मिसाइल व ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए ईरानी राजदूत को वतन वापसी का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया तथा सभी आगामी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय यात्राएं निलंबित कर दीं। पाकिस्तान ने ईरान सरकार तक यह संदेश पहुंचा दिया है।

इस्लामाबाद में विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा, ‘हमने ईरान को सूचित कर दिया है कि पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है और यह भी कि ईरान यात्रा पर गए पाकिस्तान में ईरान के राजदूत फिलहाल न लौटें। हमने उन सभी उच्चस्तरीय यात्राओं को भी निलंबित करने का निर्णय लिया है, जो चल रही हैं या आने वाले दिनों के लिए पाकिस्तान एवं ईरान के बीच निर्धारित की गई हैं।’

इसके पूर्व ईरानी सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि मंगलवार को पाकिस्तान में बलूच आतंकवादी संगठन जैश-अल-अदल के दो अड्डों पर मिसाइलें दागी गईं। उससे एक दिन पहले ईरान के ‘रिवोल्युशनरी गार्ड्स’ ने इराक और सीरिया में लक्ष्यों को मिसाइलों से निशाना बनाया था।

पाकिस्तान ने ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान की अखंडता और प्रभुता पर हमला है, जो अस्वीकार्य है। इसी आधार पर पाकिस्तान ने ईरान को आज ही गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। इसके साथ ही ये भी कहा गया कि ईरान को सीधे काररवाई करने से पहले बातचीत का रास्ता चुनना चाहिए था। विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के पास इस गैरकानूनी कृत्य पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित है और इसके परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी।

ईरान ने ही 2012 में की थी जैश-अल-अदल की स्थापना

ध्यान देने वाली बात यह है कि ईरान द्वारा ही जैश-अल-अदल की स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी। यह एक सुन्नी आतंकी संगठन है, जो ईरान के दक्षिणी हिस्से में अपनी कार्यों को अंजाम देता है। फिर कुछ वर्ष बीतने के साथ ही जैश-अल- अदल ने ही ईरानी सैन्यकर्मियों पर हमला कर दिया था। दिसम्बर में जैश-अल-अदल ने 11 ईरानी पुलिस के मारे जाने की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद ईरान मौके के इंतजार में था और इस संगठन पर घात लगाए हुए था।

ईरान से सटी अफगान व पाकिस्तानी सीमा पर सक्रिय है यह संगठन

असल में यह संगठन उस जगह सक्रिय है, जहां पर ईरान के साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा साझा होती है। यह हिस्सा ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों की वजह से गतिरोध का भाग रहा है। यहां पर ड्रग तस्कर भी काफी सक्रिय रहते हैं।

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