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यूपी विधानसभा : सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश के बीच बेरोजगारी और जनसंख्या पर हुई तरकार

यूपी विधानसभा : सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश के बीच बेरोजगारी और जनसंख्या पर हुई तरकार

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लखनऊ, 8 अगस्त। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। यूपी विधानसभा के भीतर भी मंगलवार को इसकी बानगी दिखी, जब सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच बेरोजगारी, शिक्षा और जनसंख्या को लेकर तीखी तकरार हुई।

अखिलेश के सवाल पर सीएम योगी के तंज को सदन में मौजूद सभी माननीयों ने देखा। सीएम योगी के वक्तव्य के बीच अखिलेश की टोकाटोकी पर एकबारगी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी हस्तक्षेप किया। लेकिन अखिलेश ने कहा कि वह अनुपूरक प्रश्न पूछना चाहते हैं।

दरअसल, मॉनसून सत्र के दूसरे दिन दोनों नेताओं के बीच तल्खी की शुरुआत सदन में मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश करने की बाद दिखी। मुरादाबाद में 13 अगस्त, 1980 को हुए ईद के दिन भड़के दंगे में 83 लोगों की जान गई थी। उस समय यूपी में कांग्रेस की सरकार थी और विश्वनाथ प्रताप सिंह मुख्यमंत्री थे। सीएम योगी ने उस दंगे की रिपोर्ट सदन में पेश की।

मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश किए जाने पर हमलावर हुए सपा विधायक

विधानसभा में 43 वर्ष पुराने मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश किए जाने पर सपा नेता हमलावर हो गए और पार्टी विधायकों ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा, ‘महंगाई, बेरोजगारी, खराब कानून व्यवस्था और बेहाल बिजली आपूर्ति जैसे अहम मुद्दों पर से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश की गई। सरकार महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं कर रही है। यूपी में बेरोजगारी दर घटी नहीं, बढ़ गई है। सरकार झूठ बोल रही है।’

अखिलेश के सवाल पर सीएम ने तंज कसा, जवाब नहीं दिया

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी ने बेरोजगारी को लेकर बहुत-सी बातें रखी हैं, लेकिन मैं सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि 2017 से लेकर 2022 तक जो 15 साल का एज ग्रुप है, उसमें कितनी संख्या बढ़ गई है? क्या उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए और उन्हें नौकरी दिलाने के लिए आपकी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बेरोजगार लोगों की संख्या बताएगी?’

अखिलेश का यह सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों को रास नहीं आया और सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस सवाल का जवाब देने उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में वर्ष 2016 में यूपी की अनइंप्लॉयमेंट रेट 19% से अधिक थी। आज के दिन में यह 3 से 4% तक ही है।

इसके बाद सीएम योगी ने कहा, ‘मुझे बहुत अच्छा लगा कि अब नेता विरोधी दल को जनसंख्या की चिंता होने लगी है। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए ही हम लोग सामान कानून की बात करते हैं। चलिए समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस हुई है, प्रगति के बारे में सोचना अच्छी बात है। अच्छा है लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए। बेसिक शिक्षा मंत्री जी से भी पूछा जा रहा था कि एक प्रदेश एक ड्रेस और एक शिक्षा, उसमें एक देश एक कानून भी जोड़ देते तो ज्यादा अच्छा होता।’

मुख्यमंत्री योगी ने इसके बाद अपनी सरकार की तमाम उपलब्धियों का जिक्र किया और अखिलेश सरकार की खामियों का उल्लेख किया, लेकिन अखिलेश यादव के पूछे गए सीधे सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होने यह नहीं बताया कि 15 साल के एज ग्रुप के बढ़े लोगों की संख्या कितनी है और राज्य में बेरोजगार लोगों की सख्या क्या है?

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