1. Home
  2. हिन्दी
  3. खेल
  4. राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग समापन, अमित शाह बोले – भारत ओलम्पिक 2036 की मेजबानी के लिए तैयार
राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग समापन, अमित शाह बोले – भारत ओलम्पिक 2036 की मेजबानी के लिए तैयार

राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग समापन, अमित शाह बोले – भारत ओलम्पिक 2036 की मेजबानी के लिए तैयार

0
Social Share

हल्द्वानी, 14 फरवरी। देव भूमि उत्तराखंड में शुक्रवार को 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग समापन हो गया। भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने अगले मेजबान मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को ध्वज सौंपने से पहले खेलों के समापन की घोषणा की।

मेघालय होगा अगले राष्ट्रीय खेलों का मेजबान

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर में आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया कि भारत 2036 में होने वाले ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) ओलम्पिक 2036 के मेजबान पर फैसला अगले वर्ष के बाद लेगी।

अमित शाह ने अपने संबोधन में 2036 में ओलम्पिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं आज यह कह सकता हूं कि खेलों में भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। हम 2036 में ओलम्पिक की मेजबानी के लिए तैयार हैं। जब यहां ओलम्पिक होंगे तो हमारे खिलाड़ी पदक जीतेंगे और तिरंगे का परचम लहरायेंगे।’

शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य, दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम और ओलम्पिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग सहित अन्य हस्तियों ने समापन समारोह की शोभा बढ़ाई।

शाह ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत खेलों में और प्रगति करेगा। उन्होंने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार देश में खेलों का इकोसिस्टम और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है।

भारत में खेलों का बजट अब 3800 करोड़ रुपये हो गया है

गृह मंत्री ने कहा, ‘जब मोदीजी 2014 में प्रधानमंत्री बने थे, तब हमारा खेलों का बजट 800 करोड़ रूपये था, जो अब 3800 करोड़ रुपये हो गया है। इससे साबित होता है कि मोदी सरकार खेलों को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में 15 पदक जीते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 26 हो गया है । इसी तरह 2014 में एशियाई खेलों में 57 और 2023 में 107 पदक जीते।

मांडविया बोले – उत्तराखंड सिर्फ देवभूमि नहीं वरन खेलभूमि भी है

खेल मंत्री मांडविया ने कहा, ‘उत्तराखंड ने देश को बताया है कि यह सिर्फ देवभूमि नहीं बल्कि खेलभूमि भी है। राज्य ने सुनिश्चित किया कि खेलों के दौरान किसी भी खिलाडी को कोई कठिनाई न हो। यह भारत के खेल केंद्र बनने की शुरुआत है।’

उन्होंने कहा, ‘यह 2036 तक भारत के ओलम्पिक खेलों में शीर्ष 10 देशों में शामिल होने की शुरुआत है। देश में अब एक खेल पारिस्थितिकी तंत्र है। यह खेल सहित हर पहलू में आगे बढ़ रहा है।’ इस अवसर पर उषा ने कहा, ‘सफर यहीं खत्म नहीं होता, यह भारतीय खेलों के लिए सिर्फ शुरुआत है।’

सेना की टीम सर्वाधिक 68 स्वर्ण पदकों के साथ शीर्ष पर रही

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय खेलों की शुरुआत 28 जनवरी को हुई थी, जिसमें सेना खेल संवर्धन बोर्ड (एसएससीबी) कुल 121 पदक (68 स्वर्ण, 26 रजत, 27 कांस्य) के साथ पिछले छह राष्ट्रीय खेल में पांचवीं बार पदक तालिका में शीर्ष पर रहा। महाराष्ट्र ने 201 (54 स्वर्ण, 71 रजत, 76 कांस्य) के साथ सेना से अधिक पदक जीते, लेकिन कम स्वर्ण पदक जीतने के कारण वह दूसरे स्थान पर रहा।

महाराष्ट्र व हरियाणा क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर

यहां तक ​​कि हरियाणा को 153 (48 स्वर्ण, 47 रजत, 58 कांस्य) के साथ सेना से अधिक पदक मिले, लेकिन उसे तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। मेजबान उत्तराखंड 24 स्वर्ण, 35 रजत और 44 कांस्य सहित कुल 103 पदकों के साथ सातवें स्थान पर रहा।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code