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आईपीएल 2019 : फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोप में 7 के खिलाफ केस दर्ज, पाकिस्तान नेटवर्क की जांच

आईपीएल 2019 : फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोप में 7 के खिलाफ केस दर्ज, पाकिस्तान नेटवर्क की जांच

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नई दिल्ली, 14 मई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पाकिस्तान से मिली ‘सूचना के अधार’ पर वर्ष 2019 में आईपीएल मैचों की कथित फिक्सिंग करने के आरोप में कुल सात संदिग्ध सट्टेबाजों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली, हैदराबाद, जयुपर व जोधपुर में कुल 7 ठिकानों की तलाशी

अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई ने मामले में राष्ट्रव्यापी जांच शुरू की है और दिल्ली, हैदराबाद, जयुपर और जोधपुर में सात ठिकानों की तलाशी ली है। प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि एजेंसी को जानकारी मिली थी कि ‘क्रिकेट सट्टेबाजी में संलिप्त व्यक्तियों का नेटवर्क पाकिस्तान से मिली सूचना के आधार पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के तहत होने वाले मैचों के नतीजों को प्रभावित कर रहा है।

2 एफआईआर में दिल्ली, हैदराबाद व राजस्थान के 7 सट्टेबाज नामजद

सीबीआई ने पहली प्राथमिकी में दिल्ली के रोहिणी निवासी दिलीप कुमार, हैदराबाद के गुरुम वासु और गुरुम सतीश को आरोपित के तौर पर नामजद किया है। वहीं दूसरी प्राथमिकी में सज्जन सिंह, प्रभुलाल मीणा, राम अवतार और अमित कुमार शर्मा को नामजद किया है। चारों राजस्थान के रहने वाले हैं।

पाकिस्तान से आने आने वाली जानकारी के आधार पर दोनों गिरोह सक्रिय थे

अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह कथित तौर पर राजस्थान से काम कर रहा था और 2010 से सक्रिय था जबकि दूसरा गिरोह वर्ष 2013 से सक्रिय था। नेटवर्क पाकिस्तान से आने वाली जानकारी के आधार पर कार्य कर रहा था। साथ ही ‘सट्टे के लिए प्रेरित कर’ जनता के साथ भी धोखा कर रहा था।

बैंक अधिकारियों के साथ साठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले बैंक खाते

उन्होंने बताया कि गिरोह में शामिल लोगों ने अज्ञात बैंक अधिकारियों के साथ साठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे। अधिकारियों ने बताया, ‘ये बैंक खाते फर्जी जानकारी के आधार पर खोले गए थे, जैसे कई जन्मतिथि आदि दी गई थी। ये खाते बैंक कर्मियों की उचित जांच के बिना खोले गए।’

प्राथमिकी में आरोप लगा गया, ‘भारत में आम लोगों से सट्टे की गतिविधि से मिली राशि विदेश में रह रहे साथियों को भी हवाला के जरिए भेजी जाती थी।’ सीबीआई ने पाया कि दिलीप कई खातों का संचालन कर रहा था और वर्ष 2013 से अब तक कुल 43 लाख रुपये ‘आर्थिक नियमों’ का उल्लंघन कर घरेलू स्तर पर उसके खातों में जमा कराए गए।

कई बैंक खातों से करोड़ों का लेन-देन, विदेश भी भेजे गए पैसे

उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने पता लगाया कि गुरुम सतीश के छह बैंक खातों में घरेलू स्तर पर 4.55 करोड़ रुपये और विदेश से 3.05 लाख रुपये वर्ष 2012-20 के बीच जमा कराए गए। इसी अवधि में गुरुम वासु के खाते में 5.37 करोड़ रुपये जमा कराए गए। सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपितों का कोई कारोबार नहीं है, जो इस लेनदेन को न्यायोचित ठहरा सके।

राजस्थान के गिरोह के सदस्य एक पाकिस्तानी संदिग्ध के संपर्क में थे

अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के गिरोह के बारे में सीबीआई ने पता लगाया कि वे आम लोगों से सट्टेबाजी के जरिये मिली राशि को विदेश में मौजूद अपने सहयोगियों से हवाला के जरिए साझा करते थे। इनका भी काम करने का तरीका दिल्ली-हैदराबाद समूह की तरह ही था।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि राजस्थान के गिरोह में शामिल आरोपित सिंह, मीणा, राम अवतार और शर्मा एक पाकिस्तानी संदिग्ध के संपर्क में थे, जिसने उनसे और भारत में कुछ अन्य अज्ञात लोगों से पाकिस्तानी फोन नंबर के जरिए संपर्क किया था।

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