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नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस : सीबीआई ने तेजस्वी यादव से 9 घंटे तक की पूछताछ

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पटना, 25 मार्च। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में सीबीआई ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से शनिवार को नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में नौ घंटे तक पूछताछ की। पूर्वाह्न 11 बजे से रात आठ बजे तक चली पूछताछ के बीच सिर्फ दोपहर को उन्हें एक घंटे की मोहलत लंच करने के लिए दी गई।

सीबीआई के चुनिंदा अधिकारियों की टीम ने बंद कमरे में तेजस्वी से लगातार कई सवाल पूछे और उनके उत्तर जानने की कोशिश की। पूछे गए सभी सवालों के जवाब को बकायदा दर्ज किया गया, जो इस केस में दस्तावेजी सबूत के तौर पर उपयोग किए जाएंगे। इस पूछताछ में अंदर जाने की अनुमति सीबीआई के सिर्फ उन्हीं चुनिंदा अफसरों को थी, जो इस केस से सीधे तौर पर जुड़े हुए थे।

पूछताछ से संबंधित कोई जानकारी आधिकारिक तौर पर बाहर नहीं आई है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव से इस घोटाले से संबंधित सभी बातें जानने की कोशिश की गई। उनसे मेसर्स एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड जैसी कम्पनियों में उनके मालिकाना हक से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी ली गई। इन कम्पनियों में उनके बालिग होने के बाद करोड़ों के लेनदेन किए गए हैं।

4 लाख की कम्पनी का 150 करोड़ के बंगले में दफ्तर कैसे?

एबी एक्सपोर्ट कम्पनी की हैसियत कागज पर महज चार लाख रुपये है, लेकिन इसका नई दिल्ली के पॉश इलाके न्यू फ्रेंड कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये के बंगले में कार्यालय है। यह कैसे संभव हुआ? इस घोटाले के पैसे उनके नाम पर ट्रांसफर हुए, क्या इसकी जानकारी उन्हें थी? उनके नाम पर कई संपत्तियों की रजिस्ट्री है, इसके बारे में उन्हें क्या सूचना है? उनके बालिग होने के बाद जितनी संपत्ति उनके नाम पर की गई और इन कम्पनियों में बड़ी संख्या में लेनदेन हुए है, इसके बारे में उन्हें क्या कहना है?

सीबीआई ने तेजस्वी की गिरफ्तारी न करने का हाई कोर्ट को दिया है आश्वासन

गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पिछले सप्ताह आश्वासन दिया था कि वह तेजस्वी यादव को अभी गिरफ्तार नहीं करेगी। अनुसंधान के दौरान उनसे सिर्फ पूछताछ की जाएगी। इसके बाद तेजस्वी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए 25 मार्च को एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर सहमति जताई थी। इससे पहले सीबीआई के दो बार चार मार्च और 11 मार्च को बुलाने पर भी निजी कारणों से वह पेश नहीं हुए थे।

तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के कार्यकाल में बड़ी संख्या में लोगों को अवैध तरीके से रेलवे में बहाली कर दी थी। इस मामले को लेकर सीबीआई ने अलग से एफआईआर करके जांच शुरू की है। इस एफआईआर के अनुसार, अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले बड़ी संख्या में जमीन लिखवाई गई थी। ये जमीनें लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर भी बड़ी संख्या में लिखवाई गई थीं। इस मामले में इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना स्थित उनके सरकारी आवास में भी पूछताछ हो चुकी है।

पूछताछ के बाद तेजस्वी बोले – कोई घोटाला हुआ ही नहीं

पूछताछ खत्म होने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात की। उन्होंने फिर कहा कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं। उनपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। सब कानूनी दाव पेंच है। फिर भी हमने पूरा सहयोग किया है। किसी के कुछ कहने से फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि यह सब क्यों हो रहा है। उसके बाद तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव से मिलने बहन मीसा भारती के आवास पर चले गए।