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अमित शाह ने कर्नाटक सरकार के फैसले का किया बचाव, बोले – धार्मिक आधार पर कोटा संवैधानिक रूप से वैध नहीं

अमित शाह ने कर्नाटक सरकार के फैसले का किया बचाव, बोले – धार्मिक आधार पर कोटा संवैधानिक रूप से वैध नहीं

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बीदर/रायचूर (कर्नाटक), 26 मार्च। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 2बी श्रेणी के तहत मुस्लिम समुदाय को मिले चार प्रतिशत आरक्षण को कर्नाटक सरकार द्वारा खत्म किए जाने के फैसले का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि धार्मिक आधार पर कोटा संवैधानिक रूप से वैध नहीं है।

भाजपा सरकार ने अनुसूचित जातियों के साथ हुआ अन्याय दूर करने की कोशिश की

बीदर के गोरता गांव और रायचूर के गब्बूर में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कथित ‘वोट बैंक की राजनीति’ के लिए मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा नई आंतरिक आरक्षण व्यवस्था लागू करने के फैसला को रेखांकित करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों के साथ अन्याय को दूर करने की कोशिश की गई है।

गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण में 2बी श्रेणी केवल मुस्लिमों के लिए थी, जिसे भाजपा सरकार ने समाप्त करते हुए कहा कि यह संवैधानिक रूप से वैध नहीं है। सरकार ने 2बी के तहत पूर्व में मुस्लिमों को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण को राज्य में प्रभावशाली वोक्कालिगा और वीरशैवा लिंगायत को क्रमश: 2सी और 2डी श्रेणी के तहत दो-दो प्रतिशत बांट दी। सरकार के फैसले के बाद 2बी श्रेणी समाप्त हो गई और वोक्कालिगा का आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत और लिंगायत समुदाय का आरक्षण पांच प्रतिशत से बढ़कर सात प्रतिशत हो गया।

राज्य सरकार के फैसले का मजबूती से बचाव करते हुए शाह ने कहा, ‘भाजपा कभी तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करती। इसलिए उसने आरक्षण व्यवस्था में बदलाव का फैसला किया। भाजपा ने अल्पसंख्यकों को दिया गया चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त कर दो प्रतिशत आरक्षण वोक्कालिगा और दो प्रतिशत आरक्षण लिंगायत को दिया।’

शाह ने कहा, ‘अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण संवैधानिक तौर पर वैध नहीं है। संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। कांग्रेस सरकार ने इसे अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के तहत किया और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की।’

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