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विधानसभा चुनाव : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना के अंतिम परिणाम पर एक नजर

विधानसभा चुनाव : मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना के अंतिम परिणाम पर एक नजर

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नई दिल्ली, 3 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में विजय रथ पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने एग्जिट पोल के नतीजों से भी कहीं आगे निकलते हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में जहां पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का रास्ता साफ किया वहीं तेलंगाना में भी वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

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दरअसल, रविवार को दिन में ही जब ईवीएम की सील खोली गई और गिनती की प्रक्रिया शुरू हुई, तभी भाजपा चार में से तीन राज्यों – मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में जीत हासिल करने की ओर तेजी से अग्रसर दिखाई दी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को दो-तिहाई बहुमत

मध्य प्रदेश की 230 सीटों में सत्तारूढ़ भाजपा ने दो तिहाई बहुमत (154) से कहीं ज्यादा 163 सीटें जीतीं तो कांग्रेस 66 सीटों पर पिछड़ गई। वहीं भारत आदिवासी पार्टी को एक सीट मिल सकी जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का खाता तक नहीं खुल सका।

राजस्थान में भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीनी

राजस्थान में 200 में एक कम यानी 199 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 115 सीटों से बहुमत (100) का आंकड़ा पार किया। सत्तारूढ़ कांग्रेस 69 सीटों के साथ काफी पिछड़ गई। यहां भारत आदिवासी पार्टी को तीन व बसपा को दो सीटें मिलीं जबकि निर्दलीयों ने आठ सीटें जीतीं।

छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को काफी उम्मीदें थी, लेकिन भाजपा बाजी मार ले गई

छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य था, जहां से कांग्रेस को बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन वहां भी उसे करारा झटका लगा क्योंकि पुनर्जीवित भाजपा 54 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े (46) से काफी आगे बढ़ गई और कांग्रेस के पास केवल 35 सीटें रह गईं। यहां एकमात्र अन्य सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने जीती।

तेलंगाना ने दी कांग्रेस को इकलौती राहत, बीआरएस से सत्ता छिनी

कांग्रेस के लिए एकमात्र राहत की खबर दक्षिण से आई, जहां पार्टी ने 64 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा (60) पार किया। पिछले 10 वर्षों से सत्ता पर काबिज के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस को उखाड़ फेंका। बीआरएस 39 सीटों पर सिमट गई। भाजपा आठ सीटों के साथ राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी तो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को सात सीटें मिलीं। एक सीट सीपीआई के खाते में गई।

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