कोलकाता के एसएन बनर्जी रोड पर विस्फोट, एक महिला घायल, सघन जांच के बाद आवागमन चालू
कोलकाता, 14 सितम्बर। कोलकाता महानगर के एसएन बनर्जी रोड पर आज दोपहर हादसा हुआ, जब ब्लोचमैन स्ट्रीट और एसएन बनर्जी रोड के जंक्शन पर एक बैग में हुए विस्फोट से कूड़ा बीनने वाली एक महिला घायल हो गई। घायल महिला को तुरंत एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। वहीं विस्फोट का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं हुआ। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां जांच में जुट गई हैं।
विस्फोट की सूचना मिलने के तुरंत बाद तालतला पुलिस थाने को जानकारी दी गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। पूरे इलाके को सुरक्षा टेप से घेर लिया गया ताकि आम जनता को घटनास्थल के करीब न जाने दिया जाए। इसके अलावा, बम निरोधक दस्ते को भी बुलाया गया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वहां कोई विस्फोटक सामग्री है अथवा नहीं।
BDDS की जांच पड़ताल के बाद इलाका खतरे से बाहर घोषित
कोलकाता पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘लगभग 13.45 बजे सूचना प्राप्त हुई कि ब्लोचमैन सेंट और एसएन बनर्जी रोड के एक्स-इंग पर विस्फोट की एक घटना हुई और कूड़ा बीनने वाली एक महिला घायल हो गई। घायल महिला की जिसकी दाहिनी कलाई पर चोट लगी है। उसे एनआरएस अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। इलाके को सुरक्षा टेप से घेर लिया गया और फिर बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) को बुलाया गया। बीडीडीएस कर्मियों ने पहुंचकर बैग और आसपास के क्षेत्र की जांच की। जांच के बाद दस्ते ने इलाके को खतरे से बाहर घोषित कर दिया और उसकी मंजूरी के बाद यातायात की अनुमति दी गई।
गृह, स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर विफल रही हैं ममता – सुकांत
इस बीच विस्फोट की घटना पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार को घेरते हुए कहा, ‘घटना की तस्वीरें मेरे पास पहुंच चुकी हैं और विस्फोट की मात्रा बहुत चिंताजनक है। भारी विस्फोटक के बिना ऐसा होना संभव नहीं था, अन्यथा इस तरह की घटना नहीं हो सकती थी। मुझे लगता है कि इस मामले में NIA द्वारा जांच की आवश्यकता है।’
सुकांत ने कहा, ‘NIA के बिना मुझे नहीं लगता कि पश्चिम बंगाल पुलिस के पास इतनी क्षमता है कि वह इस तरह के मामले की जांच कर पाए। यह गृह मंत्री के रूप में सीएम ममता बनर्जी की विफलता को भी दोहराता है। आरजी कर की घटना ने पहले ही दिखा दिया है कि स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर भी ममता बनर्जी विफल रहीं और अब इस तरह की घटना हर तीन से चार महीने के अंतराल में हो रही है।’