उत्तर प्रदेश : योगी सरकार ने पेश किया अनुपूरक बजट, किसान और वृद्धावस्था पेंशन पर मेहरबान
लखनऊ, 16 दिसंबर। उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान भी विधानसभा में प्रस्तुत किया।
24 घंटे बिजली के लिए 10 अरब रुपये दिए गए
राज्य में 24 घंटे बिजली के लिए 10 अरब रुपये दिए गए हैं। हर घर बिजली के लिए अलग से 185 करोड़ अलॉट किया गया है। खेल विभाग के लिए योगी सरकार ने 10 करोड़ दिए है। काशी विश्वनाथ धाम के लिए 10 करोड़, किसान और वृद्धावस्था पेंशन के लिए 670 करोड़ जारी किया गया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए 10 करोड़, सूचना विभाग के लिए 150 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
आज विधान सभा में… https://t.co/pZlCqGmfPu
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 16, 2021
इससे पहले विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों और 2022-23 के आय-व्यय को सदन के पटल पर रखा। खन्ना ने 2022-23 के एक भाग के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया।
विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित के पूर्वाह्न 11 बजे आसन पर बैठते और कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने चंदौली जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक प्रभु नारायण यादव के पुलिस उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए सदन में चर्चा कराने की मांग की।
इस बीच कांग्रेस दल की नेता आराधना मिश्रा मोना केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग लेकर दल के सदस्यों के साथ अध्यक्ष के आसन के समक्ष में आकर नारेबाजी करने लगीं। इसके बाद सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के सदस्य भी आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों और 2022-23 के आय व्ययक को सदन के पटल पर रखा। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने 11.17 बजे विधानसभा की कार्यवाही आधा घंटा के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद भी कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।