महिला टी20 विश्व कप बांग्लादेश से यूएई स्थानांतरित, सुरक्षा के मद्देनजर ICC ने किया फैसला
नई दिल्ली, 20 अगस्त। आरक्षण विरोध को लेकर उभरे हिंसात्मक आंदोलन के बीच तख्तापलट के बाद राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश में अब महिला टी20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन नहीं होगा और अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने सुरक्षा के मद्देनजर अंतिम क्षणों में टूर्नामेंट को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) स्थानांतरित करने का फैसला किया है।
यह दूसरा अवसर है, जब यूएई T20 विश्व कप की मेजबानी करेगा। इससे पहले 2021 में पुरुषों का टूर्नामेंट यूएई में खेला गया था। बांग्लादेश में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जहां छात्रों द्वारा देशभर में अब तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
ज्योफ एलार्डिस बोले – बीसीबी के पास बरकरार रहेगा मेजबानी का अधिकार
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने एक बयान में कहा, ‘बांग्लादेश में महिला टी20 विश्व कप की मेजबानी न करना शर्म की बात है क्योंकि हम जानते हैं कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) एक यादगार आयोजन कर सकता था। मैं बीसीबी की टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उसने बांग्लादेश में इस आयोजन की मेजबानी के लिए सभी रास्ते तलाशे, लेकिन भाग लेने वाली कई टीमों की सरकारों की यात्रा संबंधी सलाह के कारण यह संभव नहीं था। हालांकि, वह मेजबानी का अधिकार बरकरार रखेगा। हम निकट भविष्य में बांग्लादेश में आईसीसी वैश्विक आयोजन करने की उम्मीद करते हैं।’
The ninth edition of ICC Women’s #T20WorldCup to be held in October 2024 has been relocated to a new venue.
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— T20 World Cup (@T20WorldCup) August 20, 2024
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में गत पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सरकारी नौकरियों के लिए उनके प्रशासन की विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों और अन्य समूहों द्वारा किए गए व्यापक विरोध के बीच भारत में शरण ली।
शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद देश हिंसा में डूब गया है। पिछले दो माह के दौरान हिंसा में मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो चुकी है। इसी माह हुई झड़पों में 230 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। जुलाई के मध्य में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन केवल तीव्र होते गए हैं, जो जनता में गहरी नाराजगी को दर्शाता है।
अवामी लीग की 76 वर्षीया नेता शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, एक अंतरिम सरकार की स्थापना की गई, जिसमें 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को संकट के इस दौर में देश को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। अंतरिम सरकार के गठन के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदल हसन और फिर नवनियुक्त गृह सलाहकार एम. सखावत हुसैन को भी दवाब में पद छोड़ना पड़ा है।