
नई दिल्ली, 23 जून। टोक्यो (2020) और पेरिस (2024) ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य व अनुभवी फॉरवर्ड ललित उपाध्याय ने एक दशक से भी अधिक समय तक चले अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करिअर को अलविदा कह दिया है।
वाराणसी निवासी 31 वर्षीय ललित ने रविवार को बेल्जियम के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग 2024-25 सीजन के यूरोपीय चरण के भारत के अंतिम मैच के तुरंत बाद X पोस्ट में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने का एलान किया।
‘अविस्मरणीय गौरव को पूरे सम्मान के साथ संजोकर रखूंगा’
ललित ने कहा, ‘यह सफर एक छोटे से गांव से शुरू हुआ, जहां संसाधन बहुत कम थे, लेकिन सपने अनंत थे। ‘स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर एक बार नहीं, बल्कि दो बार ओलम्पिक पोडियम पर पहुंचने का यह सफर चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रहा। 26 वर्षों के बाद अपने शहर से पहला ओलम्पियन बनना ऐसी बात है, जिसे मैं हमेशा पूरे सम्मान के साथ संजोकर रखूंगा।’
Today, I announce my retirement from international hockey.
It’s a tough moment, but one every athlete must face one day.
It has been the greatest honour and pride of my life to represent our country 🇮🇳🙏
Thank you for everything. 🙏 @HockeyIndiaLeag @TheHockeyIndia pic.twitter.com/OcryhKsYxQ— Lalit Upadhyay (@lalithockey) June 22, 2025
ललित का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं – दिलीप टिर्की
ललित के भारतीय हॉकी में योगदान का जिक्र करते हुए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने कहा, ‘वाराणसी की संकरी गलियों से निकलकर दो बार ओलम्पिक पोडियम पर खड़े होने तक का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं।’
Today, we bid farewell to a true titan of Indian Hockey, Lalit Kumar Upadhyay as he retires from international hockey after over a decade of unforgettable service.
From the lanes of Varanasi to the world’s biggest stages, Lalit’s story is one of grit, determination, and… pic.twitter.com/bomStm0D5K
— Hockey India (@TheHockeyIndia) June 23, 2025
भारत के लिए 183 मैचों में दागे 67 गोल
गोल करने की असाधारण क्षमता वाले ललित ने सीनियर स्तर पर भारत के लिए 183 मैच खेले, जिनमें 67 गोल दागे। उन्होंने भारतीय टीम के लिए अपना अंतिम मैच गत 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला।
उपलब्धियों से भरपूर रहा है ललित का अंतरराष्ट्रीय करिअर
ओलम्पिक में दो पदक जीतना ललित उपाध्याय के करिअर की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। उन्होंने 2014 विश्व कप में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू किया था। वह टोक्यो 2020 ओलम्पिक में भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे, जिसने तब लंबे समय के बाद ओलम्पिक में पदक जीता था। भारत ने 2024 में पेरिस ओलम्पिक खेलों में फिर कांस्य पदक जीता और ललित इस टीम में भी थे।
2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया
ललित ने ओलम्पिक के अलावा 2016 में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी और 2017 में एशिया कप में भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसके अलावा 2017 हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में कांस्य, 2018 चैम्पियंस ट्रॉफी में रजत, 2018 एशियाई खेलों में कांस्य और 2018 एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक शामिल हैं। वह एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहने वाली और 2022 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। ललित को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।