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गुजरात दंगा : पीएम मोदी को क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज

गुजरात दंगा : पीएम मोदी को क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज

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नई दिल्ली, 24 जून। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी है।

एसआईटी ने नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को दी थी क्लीन चिट

जस्टिस ए.एम. खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने एसआईटी की मामले को बंद करने संबंधी रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट का आदेश बरकरार रखा। गुजरात दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में गुजरात के तत्कालीन सीएम व मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को क्लीन चिट दी थी। शीर्ष अदालत ने सात महीने पहले नौ दिसंबर, 2021 को जाकिया जाफरी की याचिका पर मैराथन सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

दरअसल, 2002 में गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में जाकिया के पति एहसान जाफरी भी मारे गए थे। कांग्रेस के तत्कालीन विधायक एहसान जाफरी को दंगाई भीड़ ने मार डाला था। एहसान जाफरी की विधवा जाकिया ने एसआईटी की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी।

इस क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ एक याचिका गुजरात हाई कोर्ट में भी लाई गई थी। हाई कोर्ट ने 2017 में इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि जाफरी की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी में एहसान जाफरी सहित 68 लोग मारे गए थे

एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे। इससे एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। इन घटनाओं के बाद ही गुजरात में दंगे भड़क गए थे।

जकिया ने अपनी याचिका में राज्य में हिंसा के दौरान एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 व्यक्तियों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी थी। इस मामले में जकिया के साथ ही तीस्ता सीतलवाड दूसरे नंबर की याचिकाकर्ता थीं।

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