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शिखर धवन बोले – ‘कप्तान के रूप में अब परिपक्व हो गया हूं, कड़े फैसले ले सकता हूं’

शिखर धवन बोले – ‘कप्तान के रूप में अब परिपक्व हो गया हूं, कड़े फैसले ले सकता हूं’

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नई दिल्ली, 23 नवम्बर। टीम इंडिया के दमदार सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के लिए हिचकिचाहट और फैसले लेने में अनिश्चितता अब बीती बात हो गई है और वह कप्तान के रूप में ऐसे निर्णय करने में नहीं हिचकिचाते, जो किसी खिलाड़ी को भले ही अच्छा न लगे, लेकिन उससे टीम को फायदा पहुंचता है।

न्यूजीलैंड के खिलाफ एक दिनी सीरीज में टीम इंडिया की कमान संभालने को तैयार

बाएं हाथ का यह 36 वर्षीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम की कमान संभालने के लिए तैयार है। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है, जब धवन टीम की कप्तानी करेंगे। इससे पहले भी वह कुछ अवसरों पर भारत की दूसरी श्रेणी की टीम की अगुआई कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 3-2 से और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 से जीत दर्ज की थी। वहीं टीम को उनके कप्तान रहते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ 1-4 से हार का सामना भी करना पड़ा था।

समय के साथ निर्णय लेने की मेरी क्षमता में सुधार हुआ है

दिल्ली के बल्लेबाज शिखर ने कहा कि समय के साथ उनकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हुआ है। धवन ने क्रिकेट की लोकप्रिय वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में कहा, ‘आप जितना अधिक खेलते हैं, आप अपने फैसलों को लेकर उतने अधिक आश्वस्त रहते हैं। इससे पहले ऐसे भी मौके आते थे, जब मैं किसी गेंदबाज के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे अतिरिक्त ओवर दे देता था। लेकिन अब मैं परिपक्व हो गया हूं और अगर किसी को बुरा भी लगे, तब भी मैं वह फैसला करूंगा, जिससे टीम को फायदा पहुंचे।’

‘कप्तान के रूप में संतुलन पैदा करना और खिलाड़ियों का भरोसा जीतना महत्वपूर्ण

नेतृत्व कौशल को लेकर धवन ने कहा कि संतुलन बनाए रखना और खिलाड़ियों का भरोसा जीतना महत्वपूर्ण होता है। वह बमुश्किल ही दबाव महसूस करते हैं और अपने आसपास का माहौल खुशनुमा रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब आप किसी तार वाले वाद्य यंत्र पर संगीत बजाते हैं तो यदि तार बहुत ढीला है तो उसका स्वर अच्छा नहीं आएगा या यदि तार बहुत कसा गया है तो वह टूट जाएगा। इसलिए यह संतुलन पैदा करने से जुड़ा हुआ है। कप्तान के रूप में संतुलन पैदा करना महत्वपूर्ण होता है।’

आपको यह पता होना चाहिए कि कब तार कसना है और कब थोड़ा ढीला छोड़ना है

शिखर ने कहा, ‘आपको यह पता होना चाहिए कि कब तार को कसना है और कब उसे थोड़ा ढीला छोड़ना है। यह समय पर निर्भर करता है। इस स्तर पर मैं यह भी समझ गया हूं कब खिलाड़ियों से कैसी बात करनी है और कितनी बात करनी है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर किसी गेंदबाज की गेंद पर शॉट लगता है तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि उससे कब बात करनी है। जब माहौल में गर्मी हो तो मैं तब उससे बात नहीं करूंगा। इसकी बजाय मैं उससे बाद में सहजता से बात करूंगा।’

इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी सत्र के लिए पंजाब किंग्स का कप्तान नियुक्त किए जा चुके धवन ने कहा, ‘यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर कप्तानी कर रहे हैं। यदि यह आईपीएल है तो अधिकतर खिलाड़ी परिपक्व होते हैं, इसलिए आपको यह सोचना पड़ेगा कि तार कसना है या नहीं। रणजी ट्रॉफी में कुछ अवसरों पर आपको दृढ़ता दिखानी होती है क्योंकि उस स्तर पर कुछ खिलाड़ी कच्चे घड़े की तरह होते हैं और आपको उन्हें ढालने के लिए दृढ़ बनना पड़ता है। संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है।’

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