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पीएम मोदी का उद्धव ठाकरे पर प्रहार – कांग्रेस के सामने घुटने टेकने वाली डुप्लीकेट शिवसेना को सजा देने के लिए महाराष्ट्र तैयार

पीएम मोदी का उद्धव ठाकरे पर प्रहार – कांग्रेस के सामने घुटने टेकने वाली डुप्लीकेट शिवसेना को सजा देने के लिए महाराष्ट्र तैयार

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मुंबई, 15 मई। लोकसभा चुनाव के तहते पांचवें चरण के प्रचार अभियान में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट पर तीखा प्रहार करते हुए मतदाताओं को आगाह किया कि शिवसेना (UBT) अब कांग्रेस की राह पर चल रही है और उसका अंत तय है।

पीएम मोदी ने मायानगरी की उमसभरी गर्मी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शिव सेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का मानना था कि जिस दिन उनकी पार्टी कांग्रेस के रास्ते पर चलने लगेगी, वह शिव सेना का अंत होगा। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र ने कांग्रेस के सामने घुटने टेकने वाली डुप्लीकेट शिवसेना को सजा देने का मन बना लिया है।’ इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के बाद छोटी पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो जाएगा।

कहा – चुनाव बाद छोटी पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो जाएगा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा, ‘महाराष्ट्र में I.N.D.I.A गठबंधन के एक नेता को पता है कि कांग्रेस बुरी तरह हार रही है। इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे दलों को कांग्रेस में विलय कर देना चाहिए ताकि वह कम से कम विपक्षी पार्टी के रूप में खड़ी हो जाए।’

उन्होंने कहा, ‘जब नकली शिवसेना (शिवसेना यूबीटी का जिक्र करते हुए) का कांग्रेस में विलय होगा तो मैं बालासाहेब ठाकरे को याद करूंगा क्योंकि दिवंगत नेता ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर (के निर्माण) और अनुच्छेद 370 को खत्म करने का सपना देखा था।’

इससे पहले उत्तर महाराष्ट्र में नासिक जिले के पिंपलगांव बसवंत में महायुति उम्मीदवारों – केंद्रीय मंत्री भारती पवार (भाजपा) और हेमंत गोडसे (शिवसेना) के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक आधार पर बजट को विभाजित करना खतरनाक है।

उन्होंने कहा कि संविधान के मुख्य शिल्पी बाबासाहेब आंबेडकर नौकरियों और शिक्षा में धर्म आधारित आरक्षण के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने दावा किया कि केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने कुल बजट का 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों को आवंटित करने की योजना बनाई थी।

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