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मायावती की मोदी सरकार को नसीहत – ‘यूसीसी पर ऊर्जा बर्बाद न करें, महंगाई को नियंत्रित करें’

मायावती की मोदी सरकार को नसीहत – ‘यूसीसी पर ऊर्जा बर्बाद न करें, महंगाई को नियंत्रित करें’

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नई दिल्ली, 8 जुलाई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर भाजपा व केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को यूसीसी जैसे गैर-जरूरी मुद्दों पर अपनी ऊर्जा व संसाधन खर्च करने की बजाय महंगाई को नियंत्रित करने एवं गरीबी दूर करने के लिए काम करना चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को अपनी पार्टी की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इकाइयों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बसपा प्रमुख ने 21वें विधि आयोग के विचारों से भी सहमति जताई, जिसने 2018 में कहा था कि यूसीसी इस स्तर पर न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है।

भाजपा सरकारें लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विभाजनकारी नीतियां लागू कर रहीं

बसपा की ओर से जारी एक बयान में मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसकी सरकारें अपनी कमियों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिक, जातिवादी और विभाजनकारी नीतियां लागू कर रही हैं। मायावती के हवाले से कहा गया कि सभी लोगों पर यूसीसी थोपना भी उनका नया कदम है, जो वर्तमान स्थिति को देखते हुए न तो आवश्यक है और न ही उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य धर्मों, रीति-रिवाजों और परंपराओं पर आधारित पर्सनल लॉ के स्थान पर धर्म, जाति, पंथ, यौन अभिरुचि और लिंग से परे सभी के लिए एक समान कानून लाना है। पर्सनल लॉ और विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से संबंधित कानूनों के इसके दायरे में आने की संभावना है।

इसी कड़ी में 22वें विधि आयोग ने गत 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर एक नयी परामर्श प्रक्रिया शुरू की थी।

दरअसल, पिछले हफ्ते भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी की जोरदार पैरवी करते हुए कहा था कि संविधान सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात करता है। पीएम मोदी के बयान के बाद से यह मुद्दा फिर गरमा उठा है और कई विपक्षी दलों ने अगले आम चुनाव से पहले यूसीसी मुद्दे को उठाने की भाजपा की मंशा पर संदेह जताया है।

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