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हरीश रावत की अमरिंदर को सलाह – किसान विरोधी भाजपा के मददगार न बनें, सोनिया गांधी का साथ दें

हरीश रावत की अमरिंदर को सलाह – किसान विरोधी भाजपा के मददगार न बनें, सोनिया गांधी का साथ दें

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देहरादून, 1 अक्टूबर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा वक्त पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सलाह दी है कि उन्हें किसान विरोधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मददगार नहीं बनना चाहिए बल्कि उनके लिए यह समय सोनिया गांधी के साथ खड़े होने का है।

अमरिंदर को दो बार फोन कर मनाने की कोशिश की गई

हरीश रावत ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को दो बार मुख्यमंत्री बनाया और उनका बहुत सम्मान किया। यही नहीं बल्कि दो बार कॉल कर अमरिंदर को मनाने की कोशिश भी की गई थी।

गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह स्पष्ट तौर पर कांग्रेस छोड़ने की बात कह चुके हैं। पिछले दो दिनों से उनका यही बयान सामने आया है कि उनका जो अपमान हुआ, वह उन्हें बर्दाश्त नहीं है और वह कांग्रेस छोड़ेंगे। हालांकि उन्होंने अभी भाजपा में न शामिल होने की बात भी कही है।

कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह का कोई अपमान नहीं किया

हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन के हालिया बयान जरूर किसी के प्रभाव में आकर दिए गए हैं। इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह का अपमान किया। उन्हें अपनी बातों पर फिर से विचार करना चाहिए।

अमरिंदर को मुखौटे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है भाजपा

रावत ने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से अमरिंदर सिंह के जो बयान आए हैं, उससे लगता है कि वो किसी प्रकार के दबाव में हैं। सत्तारूढ़ दल (भाजपा), जिसे पंजाब के किसान, पंजाब के लोग पंजाब का विरोधी मानते हैं, अमरिंदर सिंह को मुखौटे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है।

अपनी अलग पार्टी भी बना सकते हैं अमरिंदर

इस बीच ये खबरें भी आ रही हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी अलग पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो वह अगले 15 दिनों के अंदर नई पार्टी बना लेंगे। एक दर्जन कांग्रेसी नेता भी उनके संपर्क में हैं।

ज्ञातव्य है कि नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंबे विवाद के बाद अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। कांग्रेस ने इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया था। लेकिन सिद्धू और चन्नी के बीच भी खींचतान शुरू हो गई, जिसके चलते सिद्धू ने तीन दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा तक दे दिया था। फिलहाल सतही तौर पर माना जा रहा है कि सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच सुलह का कोई फॉर्मूला बनाया गया है।

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