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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वे 2023, कल 11 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वे 2023, कल 11 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

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नई दिल्ली, 31 जनवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार से प्रांरभ संसद के बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वे पेश किया। इसमें विकास दर 2023-24 में 6-6.8% रहने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद लोकसभा बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित हो गई।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकास दर 6-6.8% तक रहने का अनुमान

आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.6 से 6.8 रहने का अनुमान जताया गया है। वहीं, नॉमिनल जीडीपी 11 फीसदी रह सकती है। सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6.5% का अनुमान जताया गया है। यह पिछले तीन वर्षों में सबसे धीमी ग्रोथ होगी जबकि नॉमिनल जीडीपी का 11% रहने का अनुमान लगाया गया है। FY23 के लिए रियल GDP अनुमान 7% है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था ने जो कुछ खोया था, उससे वो उबSitharamanर गई है। कोविड महामारी के दौरान जो गतिविधियां धीमी हो गई थी, उन्हें फिर से सक्रिय कर दिया गया है।

कितनी रह सकती है महंगाई दर?

आर्थिक सर्वे अमृत काल थीम पर आधारित है, जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 का खतरा कम होने से सप्लाई चेन में सुधार और मजबूत घरेलू डिमांड से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। अगले वित्त वर्ष में रिटेल मंहगाई दर 6 फीसदी से कम रहने की उम्मीद है।

कॉरपोरेट और कम्पनियों की बैलेंसशीट में मजबूती के संकेत

इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया है कि कॉरपोरेट और कम्पनियों की बैलेंसशीट में मजबूती के संकेत मिले हैं। साथ ही IBC की व्यवस्था से ‘ईज ऑफ डुइंग’ बिजनेस बढ़ा है। स्टील प्रोडक्शन में भारत दुनिया में बड़ी ताकत बना है। देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। इससे करेंट डेफिसिट (CAD) की भरपाई हो जाएगी। रिजर्व बैंक के पास रुपये को गिरने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में हस्तक्षेप करने की भी गुंजाइश रहेगी।

इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि आज भी देश की आबादी का 65 फीसदी हिस्सा गांवों मे रहता है। इसमें से 47 फीसदी आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। इसलिए ग्रमीण इलाकों के विकास पर सरकार के लिए फोकस करना जरूरी है।

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?

केंद्रीय बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को सामने रखा जाता है। ये आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें इकोनॉमी की पूरी तस्वीर सामने आती है। इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की ताजा हालत के बारे में बताती है। इसमें सालभर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, किस सेक्टर में कौन सी योजनाएं किस तरह लागू हुईं, आदि का उल्लेख रहता है।

कुल मिलाकर Economic Survey को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है कि इसकी सिफारिशों को सरकार लागू ही करे। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। ये दो हिस्सों में पेश होता है, जिसके पहले हिस्सों में देश की इकोनॉमी की ताजा हालत के बारे में जानकारी साझा की जाती है। वहीं दूसरे हिस्से में विभिन्न सेक्टर्स के प्रमुख आंकड़े प्रदर्शित किए जाते हैं। आर्थिक मामलों के विभाग Chief Economic Advisor के मार्गदर्शन में ये दस्तावेज तैयार किया जाता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ संसद का बजट सत्र

इसके पूर्व पूर्वाह्न 11 बजे संसद के संयुक्त सत्र में दोनों सदनों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ बजट सत्र शुरू हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण के दौरान कहा, ‘सरकार की नई पहल के परिणामस्वरूप हमारा रक्षा निर्यात छह गुना हो गया है। मेड इन इंडिया अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का लाभ देश को मिलना शुरू हो चुका है।’

खड़गे ने राष्ट्रपति अभिभाषण में नहीं पहुंचने पर मांगी माफी

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में पहुंचने की बहुत इच्छा थी, लेकिन मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका, इसके लिए उन्होंने क्षमा मांगी। इसके अलावा जो विपक्ष ने सर्वदलीय दल की बैठक में बातें उठाईं हैं, उसे लेकर भी सब मिलकर लड़ेंगे।

विपक्ष को सत्र में कई मुद्दे उठाने हैं

उन्होंने कहा, ‘विपक्ष को सत्र में कई मुद्दे उठाने हैं। महंगाई-बेरोजगारी के अलावा देश का जो पैसा कुछ पूंजीपतियों को देकर बर्बाद किया जा रहा है, उसका मुद्दा भी हम उठाएंगे। चीन को लेकर विदेश नीति का मुद्दा जो हमने पिछली बार उठाया था, उसे हम इस बार भी उठाएंगे।’

सरकार के खिलाफ बहुत से मुद्दे – अधीर रंजन चौधरी

वहीं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘राष्ट्रपति का अभिभाषण दोहराता है कि सरकार क्या चाहती है और क्या करती है। राष्ट्रपति सरकार का बयान प्रस्तुत करते हैं, फिर भी हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का सम्मान करते हैं। सदन में जब चर्चा होगी, तब हम अपने विचार रखेंगे। सरकार के खिलाफ बहुत से मुद्दे हैं।’

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