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चक्रवात बिपरजॉय पड़ा कमजोर, एक भी मौत नहीं, गुजरात सरकार पर बिजली सेवा बहाल करने की चुनौती

चक्रवात बिपरजॉय पड़ा कमजोर, एक भी मौत नहीं, गुजरात सरकार पर बिजली सेवा बहाल करने की चुनौती

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अहमदाबाद, 16 जून। गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद चक्रवात बिपरजॉय कमजोर पड़ गया और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ गया। चक्रवात से हुई तबाही के बाद गुजरात सरकार के सामने करीब 1,000 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने की तत्काल चुनौती है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तर गुजरात में मूसलाधार बारिश होने का अनुमान जताया है।

बिजली आपूर्ति बहाल करने में 1127 टीमें काम कर रहीं – सीएम भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हवाले से एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अग्रिम योजनाएं और एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीमें काम कर रही हैं। वहीं वन विभाग ने सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है।

इससे पहले राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने संवाददाताओं से कहा था, ‘चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से राज्य में किसी व्यक्ति की जान जाने की सूचना नहीं है। यह राज्य के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे सम्मलित प्रयासों से संभव हो सका।’

कुल 1,09,000 लोग तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए

विज्ञप्ति में कहा गया है कि तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए 1,09,000 लोगों में 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक और 1,152 गर्भवती महिलाएं थीं। चक्रवाती तूफान के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है। तूफान से बिजली के सैकड़ों खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। बिपरजॉय का बांग्ला भाषा में अर्थ है आपदा।

चक्रवाती तूफान के जखौ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुई और शुक्रवार को तड़के दो बजकर 30 मिनट तक चली। इस दौरान पूरे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई। चक्रवात के कारण 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का पानी निचले इलाके के गांवों में भर गया।

बिजली कम्पनी पश्चिम गुजरात विज कम्पनी लिमिटेड को भारी नुकसान

तूफान से राज्य की बिजली कम्पनी पश्चिम गुजरात विज कम्पनी लिमिटेड को भारी नुकसान हुआ है और बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। कम से कम 4,600 गांवों में बिजली नहीं थी, लेकिन 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने कहा कि चक्रवात के कारण कच्छ के साथ ही देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और मोरबी जिलों के कई हिस्सों में शुक्रवार को बहुत भारी बारिश (100-185 मिमी) हुई। इसके साथ ही 95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली।

कम से कम 600 पेड़ उखड़े, 23 लोग घायल, कई मकान क्षतिग्रस्त

अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 600 पेड़ उखड़ गए हैं और राज्य के तीन राजमार्गों में टूट-फूट तथा पेड़ गिरने से यातायात ठप हो गया। चक्रवाती तूफान से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 23 लोग घायल हो गए वहीं कई मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

तेज बारिश के बीच भावनगर में गुरुवार को एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई, इस बारे में पूछे जाने पर आलोक पांडे ने कहा कि चूंकि जिले में चक्रवाती तूफान का असर नहीं था, इसलिए इन मौतों की गणना चक्रवात से जुड़ी घटनाओं में नहीं की गई।

दो पक्के और 474 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान

उन्होंने कहा, ‘टूट-फूट और पेड़ गिरने के करण तीन राज्य राजमार्गों को बंद कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार कुल 581 पेड़ उखड़ गए हैं। नौ पक्के और 20 कच्चे घर टूट गए हैं, वहीं दो पक्के और 474 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान हुआ है।’

अधिकारी ने कहा कि 65 झोपड़ियां नष्ट हो गईं हैं। सरकार उन लोगों को मुआवजा देने के लिए आदेश तैयार कर रही है, चक्रवात में जिन्हें नुकसान पहुंचा है। मांडवी के पास कचा गांव में करीब 25 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए। गांव के सरपंच राकेश गौड़ ने कहा, ‘हमारे यहां कल से बिजली नहीं है। लेकिन गांव में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारे आश्रय गृहों में हमने पिछले चार दिनों से विभिन्न गांवों के 400 लोगों को रखा है।’ मांडवी शहर में करीब 30 पेड़ और बिजली के 20 खंभे उखड़ गए। मांडवी निवासी अब्दुल हुसैन ने कहा, ‘कल शाम चार बजे से हमारे यहां बिजली नहीं है। हमारे घरों के छप्पर उड़ गए और घरों में पानी भर गया।’

चक्रवात के राज्य में आगे बढ़ने के साथ ही बनासकांठा और पाटन के जिलों के अधिकारी निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दो जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान जताया है।

राहत आयुक्त पांडे ने कहा कि एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था और यह राज्य के इतिहास में इस तरह के सबसे बड़े अभियानों में से एक था। उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार के साथ, अब उन्हें वापस भेजा जाएगा।

बनासकांठा के जिलाधिकारी वरुण बरनवाल ने कहा कि 2,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा निचले इलाकों से और लोगों को निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने खाने के 25,000 पैकेट तैयार रखे हैं।’

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के आने के बाद किसी की जान नहीं गई है। एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि राज्य के कम से कम एक हजार गांव बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें 40 प्रतिशत बिजली संकट अकेले कच्छ जिले में है।

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