CM योगी की गोसेवा क्रांति: अब किसान गोद लेंगे गोवंश, गांवों की अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
लखनऊ, 7 जुलाई। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम करने के उद्देश्य से योगी सरकार एक अभिनव योजना की शुरुआत करने जा रही है। अब राज्य के किसान गोवंश को गोद ले सकेंगे। वहीं, स्मॉल बायोगैस यूनिट भी लगाई जाएंगी। इस पहल से न केवल गोवंश का संरक्षण होगा, बल्कि गो आधारित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत किसानों को एक से चार तक गोवंश सौंपे जाएंगे, जिनके माध्यम से किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। जिन किसानों को गोवंश मिलेगा, उनके आवासीय परिसर में ही मनरेगा के अंतर्गत व्यक्तिगत कैटल शेड बनाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। जल्द ही महिला स्वयं सहायता समूहों और नवयुवकों को विशेष तौर पर इस अभियान में शामिल किया जाएगा। जिससे उनके स्वावलंबन को नई दिशा मिलेगी। इस पहल में ऊर्जा संरक्षण को भी जोड़ा गया है। हर गोवंश पालक को छोटी लघु बायोगैस इकाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि गोबर से स्वच्छ ईंधन तैयार किया जा सके। यह किसानों के रसोई ईंधन की जरूरत को भी पूरा करेगा और पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा।
इनसेट
- ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाएगी योजना
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के माध्यम से ग्रामीणों, विशेषकर महिला स्वयं सहायता समूहों और नवयुवकों को गो सेवा से जोड़ा जाएगा। इससे उन्हें न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि आय का स्थायी स्रोत भी उपलब्ध होगा। इस योजना से ग्राम स्तर पर ऊर्जा और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।यह योजना सामाजिक सहभागिता, स्वरोजगार और ग्राम्य विकास का समन्वित मॉडल है। इसके अंतर्गत गो आधारित जैविक खेती, गोबर से खाद और ईंधन तैयार कर ग्रामीणों को आर्थिक मजबूती दी जाएगी।
