बांग्लादेश : अंतरिम सरकार ने पलटा शेख हसीना का फैसला, जमात-ए-इस्लामी पर लागू प्रतिबंध हटाया
ढाका, 28 अगस्त। बांग्लादेश नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की अगुआई वाली अंतरिम सरकार ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का फैसल पलटते हुए जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर लागू प्रतिबंध हटा दिया।
उल्लेखनीय है कि तख्ता पलट से पहले शेख हसीना सरकार ने अपने शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान जमात-ए-इस्लामी को ‘उग्रवादी और आतंकवादी’ संगठन बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था और उसकी छात्र इकाई और अन्य संबद्ध संगठनों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर आंदोलन भड़काने का दोषी ठहराया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, हिंसक विरोध प्रदर्शनों और हसीना सरकार की काररवाई में 600 से अधिक लोग मारे गए।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा दिया, जिससे उसे अपनी गतिविधियां फिर शुरू करने का रास्ता मिल गया। अब चुनाव लड़ने के लिए उसे निर्वाचन आयोग में रजिस्टर्ड कराना होगा। हालांकि पार्टी नेतृत्व की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जमात-ए-इस्लामी पर 2013 से चुनावों में भाग लेने पर रोक
जमात-ए-इस्लामी पर 2013 से चुनावों में भाग लेने पर रोक है, जब आयोग ने उसका रजिस्ट्रेशन रद कर दिया था और हाई कोर्ट ने इस निर्णय को बरकरार रखा था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि पार्टी ने धर्मनिरपेक्षता का विरोध करके संविधान का उल्लंघन किया है।
हसीना सरकार का प्रतिबंध राजनीति से प्रेरित था : आसिफ नजरुल
बांग्लादेश के विधि मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा कि हसीना सरकार का प्रतिबंध राजनीति से प्रेरित था और किसी विचारधारा पर आधारित नहीं था। हसीना की प्रतिद्वंद्वी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी प्रतिबंध के लिए पूर्ववर्ती सरकार को दोषी ठहराया।
आतंकी संगठन ABT का प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी भी रिहा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एक अन्य निर्णय के तहत अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंगला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया है। इस रिहाई से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जहां आतंकवादी समूह स्लीपर सेल्स की मदद से जिहादी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
जशीमुद्दीन रहमानी को सोमवार को पैरोल पर रिहा किया गया। वह ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में जेल में बंद था। उसे गाजीपुर के काशीपुर हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल में रखा गया था। वह बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत आरोपों का सामना भी कर रहा था।
भारत में गिरफ्तार किए गए एबीटी के आतंकी
गौरतलब है कि भारत में जशीमुद्दीन रहमानी के नेतृत्व वाले संगठन से जुड़े कई आतंकियों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। इसी साल मई में, असम पुलिस ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर ABT से जुड़े दो आतंकियों, बहार मिया और रेयरली मिया को गिरफ्तार किया था। ABT, अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का एक सहायक संगठन है, जो भारत में प्रतिबंधित है।