1. Home
  2. हिंदी
  3. खेल
  4. ऑस्ट्रेलियाई ओपन :  एश्ली बार्टी महिला एकल चैंपियन, घरेलू कोर्ट पर ऑस्ट्रेलिया का 44 वर्षों का खिताबी सूखा खत्म
ऑस्ट्रेलियाई ओपन :  एश्ली बार्टी महिला एकल चैंपियन, घरेलू कोर्ट पर ऑस्ट्रेलिया का 44 वर्षों का खिताबी सूखा खत्म

ऑस्ट्रेलियाई ओपन :  एश्ली बार्टी महिला एकल चैंपियन, घरेलू कोर्ट पर ऑस्ट्रेलिया का 44 वर्षों का खिताबी सूखा खत्म

0
Social Share

मेलबर्न, 29 जनवरी। विश्व नंबर एक ऑस्ट्रेलियाई स्टार  एश्ली बार्टी ने शनिवार को मेलबर्न पार्क के रॉड लेवर एरेना में अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए नए अध्याय का सृजन किया और अमेरिकी डेनिएल कोलिंस को सीधे सेटों में 6-3, 7-6 (7-2) से हराकर पहली बार वर्ष की पहली ग्रैंड स्लैम स्पर्धा यानी ऑस्ट्रेलियाई ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया।

1978 में क्रिस ओनील ने कूयांग में जीती थी यह उपाधि

बार्टी ने इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया का घरेलू कोर्ट पर 44 वर्षों से चला आ रहा खिताबी सुखा खत्म कर दिया। इससे पहले 1978 में क्रिस ओ’नील ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब पर कब्जा जमाया था। तब प्रतियोगिता कूयांग में खेली जाती थी।

हालांकि ऑस्ट्रेलियाई लेटन ह्यूइट भी 2005 में यहां फाइनल तक पहुंचे थे, लेकिन उन्हें रूसी मराट साफिन ने हरा दिया। फिलहाल महिला वर्ग में 42 वर्षों में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की कोई महिला यहां फाइनल तक पहुंची थी। 1980 में वेंडी टर्नबुल को फाइनल में चेकोस्लोवाकिया की हना मंडालिकोवा से मात खानी पड़ी थी।

बार्टी के करिअर का तीसरा ग्रैंड स्लैम खिताब

ऑस्ट्रेलियाई ओपन में आठ प्रयासों में पहली बार सेमीफाइनल से आगे बढ़ीं 25 वर्षीया बार्टी ने मेलबर्न में भले ही पहली बार श्रेष्ठता सिद्ध की, लेकिन उनके पेशेवर टेनिस करिअर का यह तीसरा ग्रैंड स्लैम खिताब है। वह 2019 में फ्रेंच ओपन और पिछले वर्ष विंबलडन भी जीत चुकी हैं।

फाइनल सहित 7 मैचों में एक भी सेट नहीं गंवाया

दूसरी तरफ विश्व रैंकिंग में 30वें नंबर की 28 वर्षीया कोलिंस का यह सिर्फ पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल था। वैसे 27वीं सीड अमेरिकी खिलाड़ी 2019 में भी यहां सेमीफाइनल तक पहुंची थी। एक घंटा 27 मिनट तक चले खिताबी मुकाबले के पहले सेट में कोलिंस अपनी ख्यातिनाम प्रतिद्वंद्वी का तनिक भी मुकाबला नहीं कर सकी। हालांकि दूसरा सेट टाईब्रेकर तक खिंचा, लेकिन बार्टी ने उसे तीसरे सेट में नहीं जाने दिया। दिलचस्प तो यह रहा कि टूर्नामेंट के सात मैचों में बार्टी ने एक भी सेट नहीं गंवाया।

यह सिर्फ एक सपने के सच होने जैसा, मुझे ऑस्ट्रेलियाई होने पर गर्व

अपनी  इवोन गुलागोंग कावली के हाथों डाफ्ने एखर्स्ट मेमोरियल कप ग्रहण करने के बाद आह्लादित बार्टी ने कहा, ‘यह मेरे लिए सिर्फ एक सपने के सच होने जैसा है और मुझे ऑस्ट्रेलियाई होने पर बहुत गर्व है।’ उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान दर्शकों के भरपूर समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

 

लगभग दो वर्षों की अनुपस्थिति के बाद 2016 में टेनिस सर्किट में वापसी करने वाले बार्टी ने कहा, ‘हमने अपने करिअर के दूसरे चरण में नए सिरे से शुरुआत शुरुआत की, हमने यह सब एक साथ किया, कुछ भी नहीं बदला है, यह सफलता अविश्वसनीय है।’

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code