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विदेश मंत्री जयशंकर ने फिर कहा – बॉर्डर पर सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा चीन

विदेश मंत्री जयशंकर ने फिर कहा – बॉर्डर पर सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा चीन

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नई दिल्ली, 21 अगस्त। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने चीन पर एक बार फिर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह सीमा समझौते का उल्लंघन कर रहा है और स्पष्ट रूप से इन समझौतों को दरकिनार कर रहा है। विदेश मंत्री रविवार को ब्राजील के साओ पाउलो में भारतीय समाज के कम्युनिटी प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे।

साओ पाउलो में भारतीय समाज को संबोधित कर रहे थे डॉ. जयशंकर

डॉ. जयशंकर ने कहा कि रिश्ते भरोसे की बुनियाद पर बनते हैं। एक-दूसरे का सम्मान ही रिश्ते को आगे बढ़ाता है। किसी रिश्ते को मजबूती देने के लिए एक-दूसरे के सम्मान की जरूरत होती है। लेकिन चीन के मामले में ऐसा नहीं है। चीन ने बॉर्डर पर सीमा समझौते का उल्लंघन किया है। उसने बॉर्डर एरिया और गलवान में जो किया है, वो सीमा समझौते उल्लंघन है।

ब्राजील में भारतवंशियों के प्रति जताया आभार

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और ब्राजील के संबंध सद्भावना और बढ़ते सहयोग पर आधारित हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच सेतु के रूप में काम करने के लिए भारतवंशियों के प्रति आभार जताते हुए कहा, ‘भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। आज हम आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। देश का मिजाज बहुत आशावादी है। यह एक ऐसा भारत है, जो बड़ी चीजों में सक्षम है। हमने यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान एक संगठित प्रयास के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को वहां से बाहर निकाला।’

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच गतिरोध की स्थिति है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। पहली बार दोनों पक्षों के बीच पांच मई, 2020 को टकराव सामने आया था, जब पैंगांग झील इलाके में हिंसक झड़प हुई थी। गतिरोध खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच अब तक 16 राउंड की कोर कमांडर लेवल की बातचीत पूरी हो चुकी है। हालांकि, अब तक समाधान नहीं निकल सका है।

भारत और चीन के एकजुट होने पर ही एशियाई सदी संभव

इसके पूर्व गुरुवार को थाईलैंड दौरे पर भी एस. जयशंकर ने भारत और चीन के मौजूदा संबंधों को लेकर खुलकर बातचीत की थी। उन्होंने एशिया की सदी की संभावना पर भी रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि भारत और चीन के एक साथ आने पर ही एशिया की सदी का सपना साकार हो सकेगा। लेकिन अगर भारत और चीन एक साथ नहीं आए तो यह संभव नहीं हो पाएगा।

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