लंदन, 12 जुलाई। मेजबान इंग्लैंड का पिछले पांच दशकों से चला आ रहा खिताबी सूखा बदस्तूर जारी रहा, जब रविवार की रात वेम्बले स्टेडियम में निर्धारित व अतिरिक्त समय तक 1-1 की बराबरी के बाद पेनाल्टी शूटआउट में उसे 2-3 से शिकस्त खानी पड़ी और पड़ोसी इटली यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप–यूरो 2020 का चैंपियन बन बैठा।
पहली बार 1968 में विजेता बना था इटली
वस्तुतः यह दूसरा अवसर है, जब इटली यूरो चैंपियन बना। पहली बार 53 वर्ष पूर्व उसने 1968 में यह उपाधि जीती थी। पेनाल्टी शूटआउट में गोली ज्यांलुगी डोनारुम्मा ने अपनी बायीं तरफ डाइव लगाकर बुकायो साका का शॉट रोकने के साथ ही जहां इटली की मुरादें पूरी कर दी वहीं इंग्लैंड को अपने पसंदीदा वेम्बले स्टेडियम में लगातार तीसरी बार पेनाल्टी शूटआउट में नाकामी हाथ लगी।
गौरतलब है कि चार वर्ष पूर्व इतालवी फुटबॉल की स्थिति अच्छी नहीं थी और वह छह दशक में पहली बार विश्व कप में जगह बनाने में असफल रहा था। फिलहाल इस खिताब के साथ ही अब वह यूरोप की सर्वश्रेष्ठ टीम है और कोच राबर्टों मनीची के रहते हुए सर्वाधिक मैचों में अजेय रहने के राष्ट्रीय रिकार्ड की राह पर है।
1966 विश्व कप के बाद अब तक इंग्लैंड के हाथ खाली
दूसरी तरफ इंग्लैंड पिछले 55 वर्षों में पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा था। उसने 1966 में विश्व कप में जीत के बाद कोई बड़ा खिताब नहीं जीता है। इससे पहले उसने 1990, 1996, 1998, 2004, 2006 और 2012 में बड़े टूर्नामेंटों में पेनाल्टी शूटआउट में मैच गंवाए थे।
इंग्लैंड ने ल्यूक शॉ के दूसरे मिनट में किए गये गोल से बढ़त बना ली थी। यह यूरोपीय चैंपियनशिप के फाइनल में सबसे तेज गोल था। इटली के लियोनार्डो बोनुची ने 67वें मिनट में बराबरी का गोल किया।
पेनाल्टी शूटआउट में इंग्लैंड की ओर से लंदन के रहने वाले 19 वर्षीय साका, जादोन सांचो व मार्कस रशफोर्ड निशाना नहीं लगा सके। सांचो और रशफोर्ड को अतिरिक्त समय के अंतिम क्षणों में स्थानापन्न के रूप में लाया गया था। शायद पेनाल्टी लेने की उनकी विशेषज्ञता के कारण यह फैसला किया गया था। लेकिन अंग्रेजों की यह रणनीति विफल रही।
दूसरी तरफ निर्णायक पेनाल्टी रोकने के बाद डोनारुम्मा के आंसू नहीं थम रहे थे। उनके साथी उनकी तरफ दौड़ पड़े और उन्हें अपने गले लगा लिया। इटली के प्रशंसक मदहोश थे और खिलाड़ी जोश में।
देखा जाए तो यूरोपीय चैंपियनशिप के पिछले छह में से तीन फाइनल की तरह यह मैच भी अतिरिक्त समय तक खिंच गया। यह अप्रत्याशित नहीं था क्योंकि दोनों सेमीफाइनल भी अतिरिक्त समय तक खिंचे थे और उन मैचों में भी दोनों टीमों ने अपनी रक्षात्मक क्षमता का अच्छा नमूना पेश किया था।
विंबलडन फाइनल में बेरेटिनी की हार की निराशा फुटबाल टीम ने कम की
इटली ने इस खिताबी जीत के साथ ही अपने टेनिस खिलाड़ी माटेओ बेरेटिनी की रविवार को ही विंबलडन फाइनल में हुई हार का गम काफी हद तक दूर कर दिया। लंदन के ही आल इंग्लैंड क्लब में विश्व नंबर एक सर्बियाई नोवाक जोकोविच ने बेरेटिनी को चार सेटों के मुकाबले में हराकर छठी विंबलडन उपाधि के साथ करिअर का 20वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था।