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गिरिराज सिंह के बयान पर जुल्फिकार अली ने किया पलटवार, कहा- मंत्री जी को मुजफ्फरनगर का इतिहास पढ़ लेना चाहिए…

गिरिराज सिंह के बयान पर जुल्फिकार अली ने किया पलटवार, कहा- मंत्री जी को मुजफ्फरनगर का इतिहास पढ़ लेना चाहिए…

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नई दिल्ली, 9 अप्रैल। कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा मुजफ्फरनगर जिले को लेकर दिए गए बयान के मामले में सियासत शुरू हो गई है। दरअसल जहां एक और गिरिराज सिंह के बयान से हिंदू काफी खुश नजर आ रहें है। वहीं, इस्लाम को मानने वाले धर्मगुरुओं ने गिरिराज सिंह के बयान की निंदा करते हुए उनके बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है।

इसी के चलते उत्तर प्रदेश इमाम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती जुल्फिकार अली ने कहा कि गिरिराज सिंह भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, उन्हें इस तरह की बयानबाजी करने से पहले मुजफ्फरनगर के इतिहास को पढ़ लेना चाहिए। मुफ्ती जुल्फिकार अली ने कहा कि देखिए बीजेपी के जो कैबिनेट मंत्री कल आए थे, उनका ताल्लुक बिहार स्टेट से है और उन्होंने मुजफ्फरनगर के नाम बदलने की बात कही है। पहले तो उन्हें अपने स्टेट के अंदर जो मुजफ्फरपुर शहर है, बड़ा शहर है। पहले तो उसका नाम ही बदलवाए।

उन्होंने आगे कहा कि मुजफ्फरनगर के नाम बदलने के बारे में बोलने से पहले कम से कम मंत्री जी को मुजफ्फरनगर का इतिहास पढ़ लेना चाहिए। नवाब सैयद मुजफ्फर हुसैन नवाबे खाने खां का जो ताल्लुक है, वह मुगलों से नहीं था बल्कि सादात से था। वह सय्यद घराने से ताल्लुक रखते थे और वह जमींदार थे। यहां के बड़े जमीदार थे। कम से कम आदमी को जो बड़े जिम्मेदार आदमी है।

बोलने से पहले वहां की इतिहास की जानकारी होनी चाहिए और अगर उन्हें मुस्लिम नाम से इतनी नफरत है, तो वह मुसलमानों से कहां-कहां बचेंगे। उनकी पार्टी ने तो अभी नॉमिनेट किया है एक बहुत बड़े बुद्धिजीवी तारीख मंसूर साहब को एमएलसी बनाया है। इसके साथ ही बीजेपी के तमाम बड़े-बड़े दिग्गज नेता, वरिष्ठ नेता की बकायदा मुसलमानों से रिश्तेदारी के संबंध है। इससे अंदाजा होता है कि वह नफरत फैलाकर अपना राजनीतिक स्वार्थ हासिल करना चाहते हैं।

मुफ्ती जुल्फिकार अली ने कहा कि गिरिराज सिंह का बयान निहायत गैर जिम्मेदाराना है। वह एक पशु मेला था जो एक बहुत अच्छा प्रोग्राम था। उसमें जितने अच्छे जानवर आए हैं और जितनी अच्छी वैरायटी थी, उसको प्रोत्साहन देना चाहिए। यह जो पशु मेला था हमारे यहां जो कृषि प्रदर्शनी होती है। उसकी जो शुरुआत हुई वह पशु मेले से ही हुई है। डॉक्टर संजीव बालियान जी ने एक बहुत अच्छी शुरुआत की है।

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