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क्या प्रधानमंत्री संविधान के प्रति प्रतिबद्धता की खातिर हेगड़े के खिलाफ कार्रवाई करेंगे: कांग्रेस

क्या प्रधानमंत्री संविधान के प्रति प्रतिबद्धता की खातिर हेगड़े के खिलाफ कार्रवाई करेंगे: कांग्रेस

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नई दिल्ली, 12 मार्च। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनंत कुमार हेगड़े के एक बयान को लेकर मंगलवार को कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान के प्रति अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की खातिर हेगड़े के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रश्नपत्र लीक और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भी प्रधानमंत्री से सवाल किए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद हेगड़े ने गत रविवार को कहा था कि संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने के लिए भाजपा संविधान में संशोधन करेगी। उन्होंने लोगों से लोकसभा में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत देने का आह्वान किया था ताकि देश के संविधान में संशोधन किया जा सके। भाजपा ने हेगड़े के बयान को उनका निजी विचार करार दिया है।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री साबरमती आश्रम स्मारक परियोजना के लिए अहमदाबाद में हैं। वह अपने राजनीतिक लाभ के लिए महात्मा को लेकर अच्छी-अच्छी बातें करते हैं लेकिन क्या वह महात्मा गांधी के अहिंसा, सबको साथ लेकर चलने और समानता के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध होंगे?’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की शपथ ली थी। क्या वह संविधान के प्रति अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता दिखाने के लिए कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?’’

रमेश ने प्रश्नपत्र लीक से जुड़े मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी पिछले 7 साल में गुजरात में हुए 14 पेपर लीक मामलों के बारे में बोलने की हिम्मत दिखाएंगे? उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस ने इस समस्या के समाधान के लिए अपनी युवा न्याय गारंटी के तहत एक व्यापक योजना, पेपर लीक से मुक्ति की घोषणा की है।’’

उन्होंने सवाल किया कि प्रश्नपत्र लीक को रोकने के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या योजना है? कांग्रेस महासचिव ने यह दावा भी किया, ‘‘विकास के महत्वपूर्ण सूचकांकों में गुजरात का प्रदर्शन अन्य राज्यों की तुलना में खराब है। उच्च माध्यमिक शिक्षा तक छात्रों को बनाए रखने के मामले में गुजरात का प्रदर्शन खराब है और वह सार्वजनिक शिक्षा पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे गरीब राज्यों की तुलना में कम खर्च करता है।’’

उनके मुताबिक, ‘‘गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी के मामले में गुजरात वर्तमान में 20 प्रमुख राज्यों में 10वें स्थान पर है। प्रधानमंत्री के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को लेकर भाषणों और दावों के बावजूद, गुजरात लिंगानुपात में 20 राज्यों में 15वें स्थान पर है।’’

रमेश ने प्रश्न किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन की वास्तविकता को आखिर ‘गुजरात मॉडल’ के साथ कैसे जोड़ते हैं जिसे उन्होंने 2014 में प्रचारित किया था, या ‘डबल इंजन’ सरकार का मॉडल बताकर बड़ी-बड़ी बातें कैसे करते हैं?’’

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