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मणिपुर में फिर बढ़ा तनाव : सेना बुलाई गई, असम राइफल्स की चार टुकड़ियां इम्फाल पूर्व में तैनात

मणिपुर में फिर बढ़ा तनाव : सेना बुलाई गई, असम राइफल्स की चार टुकड़ियां इम्फाल पूर्व में तैनात

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इम्फाल, 28 फरवरी। मणिपुर में एक बार फिर तनाव बढ़ने के बाद सेना बुलाई गई है। इसके अलावा असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इम्फाल पूर्व में तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का मैतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर उनके आवास से अपहरण किए जाने के बाद उपजे तनाव के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

एक पुलिस अधिकारी के अपहरण के बाद बढ़ा तनाव

मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि मणिपुर पुलिस के ऑपरेशन विंग में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार को पुलिस और सुरक्षा बलों की त्वरित काररवाई के बाद बचा लिया गया। अधिकारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

मंगलवार शाम करीब सात बजे हुई घटना का विवरण देते हुए अधिकारियों ने कहा कि अरामबाई तेंगगोल के प्रति निष्ठा रखने वाले कैडरों के एक समूह ने इम्फाल पूर्व के वांगखेई में कुमार के घर पर हमला किया था। अधिकारियों ने कहा कि इस अंधाधुंध गोलीबारी का कारण यह था कि संबंधित अधिकारी ने वाहन चोरी में कथित संलिप्तता के लिए समूह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तारी के बाद, मीरा पैबिस (मेइतेई महिला समूह) के एक समूह ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। मंगलवार शाम को हुए हमले में कथित तौर पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े सशस्त्र कैडरों ने घर में तोड़फोड़ की और गोलियों से कम से कम चार वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

अराजक घटनाओं का विवरण देते हुए, पुलिस अधिकारी के पिता एम कुल्ला ने बताया, “हमने हथियारबंद लोगों के प्रवेश के बाद उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन अचानक उन्होंने वाहनों और संपत्तियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसलिए हमें भागकर अंदर जाना पड़ा और खुद को बंद कर लेना पड़ा।”

अधिकारियों के मुताबिक पिता ने अपने बेटे को फोन कर घटना की जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार का अपहरण कर लिया गया। सूचना मिलते ही मणिपुर पुलिस ने तुरंत काररवाई की और एक सफल बचाव अभियान शुरू करने के लिए बलों को जुटाया। कुछ घंटों के भीतर कुमार की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई। बचाव प्रयासों के बाद बिगड़े हालात के चलते राज्य सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी। असम राइफल्स की चार टुकड़ियों की मांग की गई और उन्हें उस क्षेत्र के आसपास तैनात किया गया, जहां घटना हुई थी।

गौरतलब है कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम घाटी क्षेत्रों में लागू नहीं है। असम राइफल्स, एक अर्धसैनिक बल, सेना की परिचालन कमान के तहत कार्य करता है। इस क्षेत्र में गत वर्ष तीन मई से हिंसा बढ़ रही है, जिसमें मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में “आदिवासी एकजुटता मार्च” के बाद 180 से अधिक लोग हताहत हुए हैं। मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हिस्सा और मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहने वाले मैतेई, नागा और कुकी सहित आदिवासियों के विपरीत हैं, जो 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।

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