1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को 30 सप्ताह के गर्भ के चिकित्सकीय समापन की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को 30 सप्ताह के गर्भ के चिकित्सकीय समापन की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को 30 सप्ताह के गर्भ के चिकित्सकीय समापन की अनुमति दी

0
Social Share

नई दिल्ली, 22 अप्रैल। उच्चतम न्यायालय ने करीब 30 सप्ताह की गर्भावस्था वाली 14 वर्षीय कथित बलात्कार पीड़िता को चिकित्सीय गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने किसी भी मामले में पूर्ण न्याय देने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने का अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुंबई के सायन स्थित लोकमान्य तिलक महानगरपालिका सर्वसाधारण रुग्णालय एवं वैद्यकीय महाविद्यालय (एलटीएमजीएच) के डीन को निर्देश दिया कि वह नाबालिग के गर्भपात के लिए चिकित्सकों के दल का तत्काल गठन करें।

उसने नाबालिग के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को भी रद्द कर दिया। यह याचिका पीड़िता के पिता ने दायर की थी। शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल को नाबालिग की चिकित्सकीय जांच का आदेश दिया था। उसने मुंबई के सायन स्थित अस्पताल से इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था कि अगर पीड़िता चिकित्सकीय रूप से गर्भपात कराती है या उसे ऐसा न करने की सलाह दी जाती है तो इसका उसकी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति पर क्या असर पड़ने की संभावना है।

‘गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन अधिनियम’ (एमटीपी) के तहत, विवाहित महिलाओं के साथ-साथ विशेष श्रेणियों की महिलाओं के लिए भी गर्भावस्था को समाप्त करने की ऊपरी सीमा 24 सप्ताह है। इन विशेष श्रेणियों में बलात्कार पीड़िताएं और दिव्यांग एवं नाबालिग शामिल हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code