
सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर रिपोर्ट सार्वजनिक की, वीडियो में दिख रहीं जले नोटों की गड्डियां
नई दिल्ली, 22 मार्च। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से नकद बरामदगी मामले में रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना के आदेश पर जस्टिस वर्मा के घर के अंदर का एक वीडियो भी जारी किया गया है। एक मिनट सात सेकेंड के वीडियो में घर के अंदर जले हुए नोटों के बंडल दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को दिल्ली पुलिस ने शूट किया था।
दिल्ली पुलिस द्वारा घर के अंदर शूट किया गया वीडियो
दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई जस्टिस वर्मा से संबंधित रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट और अन्य सभी दस्तावेज़ 25 पृष्ठों में हैं। मामले से जुड़े दस्तावेज भी वेबसाइट पर डाले गए हैं। साथ ही जस्टिस वर्मा का जवाब भी सार्वजनिक किया गया।
जस्टिस यशवंत वर्मा का नोटों की जानकारी से इनकार
हालांकि जस्टिस यशवंत वर्मा ने नोटों की जानकारी से इनकार किया है। न्यायाधीश वर्मा ने कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा उस स्टोररूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई थी और इस बात की कड़ी निंदा करता हूं कि कथित नकदी हमारी थी। यह विचार या सुझाव कि यह नकदी हमारे द्वारा रखी या संग्रहित की गई थी, पूरी तरह से बेतुका है। यह सुझाव कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास एक खुले, आसानी से सुलभ और आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में या एक आउटहाउस में नकदी संग्रहित कर सकता है, अविश्वसनीय है। यह एक ऐसा कमरा है, जो मेरे रहने के क्षेत्र से पूरी तरह से अलग है और एक चारदीवारी मेरे रहने के क्षेत्र को उस आउटहाउस से अलग करती है। मैं केवल यही चाहता हूं कि मीडिया ने मुझ पर अभियोग लगाने और प्रेस में बदनाम होने से पहले कुछ जांच की होती।’
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सब रिकॉर्ड सार्वजनिक
फिलहाल जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा कोई न्यायिक कामकाज नहीं कर पाएंगे। न्यायपालिका का पक्ष सबके सामने रखने के लिए CJI संजीव खन्ना ने सारा रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सब रिकॉर्ड सार्वजनिक हुआ है।
सीजेआई संजीव खन्ना ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की है। इसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शनिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘भारत के मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधवालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।’
जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा कोई न्यायिक कार्य नहीं करेंगे
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को फिलहाल न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने के लिए कहा गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं।’
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवासीय बंगले में आग लगने से एक बड़ा खुलासा हुआ था। कथित तौर पर उनके घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने के लिए बाध्य कर दिया।