1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बोले – ‘बीफ’ खाने वाले हिन्दू धर्म में कर सकते हैं वापसी
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बोले – ‘बीफ’ खाने वाले हिन्दू धर्म में कर सकते हैं वापसी

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बोले – ‘बीफ’ खाने वाले हिन्दू धर्म में कर सकते हैं वापसी

0

जयपुर, 2 फरवरी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव पास आते ही हिन्दू वाला मुद्दा एक बार फिर गरमाया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘बीफ (गोमांस) खाने वाले हिन्दू धर्म में वापसी कर सकते हैं। हम उनके लिए दरवाजे बंद नहीं कर सकते।’

हम उनके लिए दरवाजे बंद नहीं कर सकते, जो मजबूरी में बीफ खाते हैं

जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित ‘आरएसएस कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान में बोलते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि जिनके पूर्वज हिन्दू थे, वे हिंदू हैं, जो खुद को हिन्दू मानते हैं, वे भी हिंदू हैं और जिन्हें हम कहते हैं कि वे हिन्दू हैं … हम उनके लिए दरवाजे बंद नहीं कर सकते हैं, जो मजबूरी में बीफ खाते हैं।’

बिना किसी राजनीतिक झुकाव के राष्ट्रहित में काम करता है आरएसएस

होसबाले ने कहा कि संगठन बिना किसी राजनीतिक झुकाव के राष्ट्रहित में काम करता है। उन्होंने कहा, ‘हम न तो दक्षिणपंथी हैं और न ही वामपंथी। हम राष्ट्रवादी हैं। संघ केवल राष्ट्र के हित में काम करने वाला है।’

सभी के सामूहिक प्रयास से ही विश्व गुरुबनकर विश्व का नेतृत्व कर सकता है भारत

संघ सरकार्यवाह ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिन्दू हैं क्योंकि उनके पूर्वज हिन्दू थे और उनकी पूजा के तरीके अलग हो सकते हैं, लेकिन उन सभी का डीएनए एक ही है। उन्होंने कहा कि भारत सभी के सामूहिक प्रयास से ही ‘विश्व गुरु’ बनकर विश्व का नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘संघ भारत के सभी धर्मों और संप्रदायों को एक मानता है। लोग अपने संप्रदाय को बनाए रखते हुए संगठन का काम कर सकते हैं। संघ कठोर नहीं है। यह लचीला है।’

आरएसएस ने देश में लोकतंत्र की स्थापना में भूमिका निभाई

होसबाले ने संविधान पर भी बात की और कहा कि एक अच्छा संविधान भी कुछ नहीं कर सकता, अगर कार्यान्वयन करने वाले बुरे हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने देश में लोकतंत्र की स्थापना में भूमिका निभाई, जिसका जिक्र विदेशी पत्रकारों के लेखों में मिलता है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.