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ब्रिटेन : प्रधानमंत्री पद की रेस में ऋषि सुनक पिछड़े, लिज ट्रस की जीत लगभग तय

ब्रिटेन : प्रधानमंत्री पद की रेस में ऋषि सुनक पिछड़े, लिज ट्रस की जीत लगभग तय

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लंदन, 30 जुलाई। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के लिए चल रही चुनावी रेस अब निर्णायक मोड़ पर जा पहुंची चुकी है। लेकिन इस रेस में भारतीय मूल के ऋषि सुनक अपनी प्रतिद्वंदी लिज ट्रस से काफी पिछड़ते नजर आ रहे हैं। ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस के चुनाव जीतने की संभावना 90 प्रतिशत बताई गई है।

ऋषि सुनक की प्रधानमंत्री बनने की संभावना सिर्फ 10 फीसदी

एक्सचेंज फर्म एसमार्केट की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मूल के ऋषि सुनक की प्रधानमंत्री बनने की संभावना केवल 10 प्रतिशत है। पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक और लिज ट्रास टोरी पार्टी के लगभग 175,000 सदस्यों के वोटों के लिए ब्रिटेन में पिछले छह सप्ताह से दौरे कर रहे हैं और अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटा रहे हैं।

एसमार्केट के अनुसार शुरुआत में ऋषि सुनक आगे चल रहे थे, लेकिन अब वह दौड़ में काफी पिछड़ गए हैं। शुरुआत में ऋषि सुनक को 60-40 प्रतिशत सदस्यों का समर्थन था, लेकिन यह आंकड़ा घट कर 10 प्रतिशत पर आ गया है। लिज ट्रस को बोरिस जॉनसन का समर्थन हासिल है।

ऋषि सुनक के पिछड़ने की मुख्य वजह उनकी आर्थिक नीतियां बताई जा रहीं

ऋषि सुनक के पिछड़ने की मुख्य वजह उनकी आर्थिक नीतियां बताई जा रही हैं, जो डिबेट के दौरान साफ कर चुके हैं कि वह पर्सनल टैक्स में तब तक कटौती नहीं करेंगे, जब तक महंगाई नियंत्रण में है। इससे पहले ऋषि सुनक ने कहा था कि वह लुभावनी पॉलिसी से दूर रहेंगे। उन्होंने वित्त मंत्री रहने के दौरान बिजली बिलों में भी कटौती से इनकार कर दिया था।

ट्रस ने पदभार ग्रहण करते ही टैक्स खत्म करने का किया है वादा

दूसरी तरफ उनकी प्रतिद्वंदी और विदेश सचिव लिज ट्रस का कहना है कि वह जैसे ही पदभार ग्रहण करेंगी, टैक्स को खत्म कर देंगी। ट्रस ने ब्रिटेन की कर प्रणाली की पूर्ण समीक्षा का वादा करते हुए इसे बहुत जटिल बताया है।

नए पीएम के सामने चीन से खराब रिश्तों और टैक्स प्रबंधन सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा

फिलहाल ट्रस या सुनक जो भी देश का अगला प्रधानमंत्री बनेगा, उसके सामने महंगाई के अलावा चीन के साथ खराब होते रिश्‍तों के साथ ही टैक्‍स का प्रबंधन मुद्दा सबसे बड़ा होगा। सुनक जहां चीन के प्रति कड़ा रूख अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वहीं ट्रस ने भी चीन पर कड़ा रुख अख्तियार करने की बात कही है। उनका कहना है कि चीन के राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव को खत्‍म करने के लिए वो एक खास नेटवर्क को तैयार करेंगी।

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