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तालिबान का असली रूप उजागर : अफगानिस्तान की सत्ता छीनते ही भारत के साथ आयात-निर्यात पर रोक

तालिबान का असली रूप उजागर : अफगानिस्तान की सत्ता छीनते ही भारत के साथ आयात-निर्यात पर रोक

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नई दिल्ली, 19 अगस्त। महीनों तक चले हिंसक संघर्ष के बाद अफगानिस्तान की सत्ता छीनते ही इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान का असली रूप सामने आ गया, जब उसने भारत के साथ सभी तरह के आयात-निर्यात पर रोक लगा दी। भारतीय निर्यात संगठन संघ (एफआईईओ) के महानिदेशक डॉ. अजय सहाय ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में यह जानकारी दी।

डॉ. सहाय ने बताया कि तालिबान ने पाकिस्तान के ट्रांजिट मार्ग से माल की ढुलाई बंद कर दी है। इससे मुल्क में भारत से सामान की आवाजाही रुक गई है। उन्होंने कहा, ‘हमने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखी है। वहां से आयात पाकिस्तान के पारगमन मार्ग से होता है। अब तालिबान ने पाकिस्तान से माल की आवाजाही रोक दी है, इसलिए आयात लगभग बंद हो गया है।’

अफगानिस्तान के बड़े व्यापार साझेदारों में शामिल है भारत

एफआईईओ महानिदेशक के अनुसार भारत वस्तुतः अफगानिस्तान के बड़े व्यापार साझेदारों में से एक है। नई दिल्ली से काबुल को वर्ष 2021 में अब तक 83.5 करोड़ डॉलर (लगभग 6262.5 करोड़ रुपये) का सामान निर्यात किया जा चुका है। वहीं अफगानिस्तान से भारत में लगभग 51 करोड़ डॉलर (लगभग 3825 करोड़ रुपये) का सामान आयातित हो चुका है।

400 से अधिक परियोजनाओं में तीन अरब डॉलर का निवेश

डॉ. सहाय ने बताया कि व्यापार के अलावा भारत ने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश भी कर रखा है। मुल्क में भारत की ओर से संचालित 400 से अधिक परियोजनाओं में तीन अरब डॉलर (लगभग 225 अरब रुपये) का निवेश होने का अनुमान है।

देश में बढ़ सकते हैं ड्राई फ्रूट्स के भाव

फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने इस बात भी चिंता जाहिर की है कि अफगानिस्तान में अस्थिर स्थिति के कारण आने वाले दिनों में भारत में ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे) की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत करीब 85 फीसदी सूखे मेवे अफगानिस्तान से आयात करता है।

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