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प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना – जितना ‘परीक्षा पर चर्चा’ का खर्च, उतने में छात्रों को मिलती 3 वर्ष छात्रवृत्ति

प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना – जितना ‘परीक्षा पर चर्चा’ का खर्च, उतने में छात्रों को मिलती 3 वर्ष छात्रवृत्ति

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नई दिल्ली, 10 जनवरी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में होने वाले खर्च का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत प्रचार-प्रसार पर केंद्र सरकार का अधिक ध्यान रहता है।

वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रचार प्रसार पर पर्याप्त खर्च किया जा रहा है, लेकिन तीन वर्ष से सरकार छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने में असफल रही है, जो कई युवाओं के जीवन को बदल सकती थी। उन्होंने ‘राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा’ (एनटीएसई) छात्रवृत्ति के निलंबन पर चिंता जताई, जो प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए मिलती है।

पिछले 3 वर्षों से रोक दिया गया है छात्रवृत्ति कार्यक्रम

कांग्रेस सांसद ने अखबार की रिपोर्ट शेयर करते हुए X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘1963 में शुरू की गई छात्रवृत्ति कार्यक्रम ने देशभर में कई बच्चों को अवसर प्रदान किए, लेकिन पिछले तीन वर्षों से इसे रोक दिया गया है, जिससे इच्छुक छात्रों के लिए अवसरों का नुकसान हो रहा है।’ रिपोर्ट में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में 62 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया गया है जबकि 3 साल से बंद छात्रवृत्ति में होने वाला खर्च मात्र 40 करोड़ रुपये है।

पीएम के पीआर पर 62 करोड़ खर्च..3 वर्ष में छात्रवृत्ति पर 40 करोड़

प्रियंका गांधी ने अपने पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री का पीआर प्रगति के विजन पर हावी है। 1963 में शुरू की गई ‘राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा छात्रवृत्ति’ ने कई बच्चों के भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया। वे देश की प्रगति में भागीदार बने और उनके लिए अच्छी शिक्षा के द्वार खुले। तीन साल में छात्रवृत्ति पर 40 करोड़ खर्च हुए होंगे जबकि प्रचार पर 62 करोड़ खर्च हुए। छात्रवृत्ति बंद होने से लाखों युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का रास्ता बंद हो गया, लेकिन प्रधानमंत्री का पीआर बंद नहीं हुआ।’

इससे पहले गुरुवार को प्रियंका गांधी ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया था। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों के प्रति ‘क्रूरता’ दिखाने का आरोप लगाते हुए लोकसभा सांसद ने पीएम मोदी से अपना ‘अहंकार’ छोड़कर किसानों से बातचीत शुरू करने की अपील की थी।

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