
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संबोधन -‘संविधान हमारी सामूहिक अस्मिता का आधार’
नई दिल्ली, 25 जनवरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने संविधान को जहां देशवासियों की सामूहिक अस्मिता का आधार करार दिया वहीं महाकुम्भ को विरासत की समृद्धि की अभिव्यक्ति बताया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार! गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मैं आप सबको हार्दिक बधाई देती हूं। विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में शामिल भारत को ज्ञान और विवेक का उद्गम माना जाता था, लेकिन भारत को एक अंधकारमय दौर से गुजरना पड़ा… आज के दिन सबसे पहले हम उन सूर वीरों को याद करते हैं, जिन्होंने मातृभूमि को विदेशी शासन की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी… इस वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं। वे ऐसे अग्रणी स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हैं, जिनकी भूमिका को राष्ट्रीय इतिहास के संदर्भ में अब समुचित महत्व दिया जा रहा है।’
‘जीवन मूल्य सदा से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग‘
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता केवल सैद्धांतिक अवधारणाएं नहीं हैं, जिनका परिचय हमें आधुनिक युग में प्राप्त हुआ हो। ये जीवन मूल्य को सदा से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति का अंग रहे हैं। भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में दिखाई देता है।’
‘सरकार ने जन-कल्याण को नई परिभाषा दी‘
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, सरकार ने जन-कल्याण को नई परिभाषा दी है, जिसके अनुसार आवास और पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतों को अधिकार माना गया है। प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना द्वारा रोजगार और आमदनी के अवसर उत्पन्न करके अनुसूचित जातियों के लोगों की गरीबी को तेजी से कम किया जा रहा है। सरकार ने वित्त के क्षेत्र में जिस तरह से प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है, वह एक मिसाल है। भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने का निर्णय सर्वाधिक उल्लेखनीय है।’
‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ सुशासन लाने में सक्षम
‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पहल की वकालत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इससे शासन में स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा, नीतिगत दुर्बलता को रोकने में मदद मिलेगी, संसाधनों का सदुपयोग होगा और वित्तीय बोझ भी कम होगा। इस पहल में देश में सुशासन स्थापित करने की क्षमता है।
भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतिबिंब हमारी संविधान सभा की संरचना में दिखाई देता है। pic.twitter.com/IVKD0hKJAY
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 25, 2025
क्षेत्रीय भाषाओं को दिया जा रहा बढ़ावा
राष्ट्रपति ने कहा – ‘हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित करने तथा उनमें नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संस्कृति के क्षेत्र में अनेक उत्साह-जनक प्रयास किए जा रहे हैं। मुझे प्रसन्नता है कि गुजरात के वडनगर में भारत के प्रथम पुरातात्विक अनुभवात्मक संग्रहालय का कार्य पूरा होने वाला है। शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर शिक्षण – माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। बढ़ते आत्मविश्वास के साथ हम अनेक प्रयासों के बल पर अत्याधुनिक अनुसंधान में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं।’
‘अंतरिक्ष विज्ञान में इसरो की बड़ी उपलब्धियां‘
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में इसरो की उपलब्धियों और खिलाड़ियों के प्रदर्शन की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय प्रगति के बल पर हम अपना सिर ऊंचा करके भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। वर्ष 2024 में डी. गुकेश ने अब तक का सबसे कम उम्र का विश्व चैम्पियन बनकर इतिहास रच दिया।’
‘गांधीजी के सपनों को साकार करने के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता दोहराएं‘
उन्होंने कहा – ‘आज के दिन हम गांधीजी के सपनों को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। मैं, एक बार फिर आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देती हूं। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों के साथ-साथ सीमाओं के भीतर देश को सुरक्षित रखने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मैं बधाई देती हूं। न्यायपालिका, सिविल सेवाओं और विदेशों में हमारे मिशनों के सदस्यों को भी मेरी बधाई!’
An inspiring address by Rashtrapati Ji, in which she highlights many subjects and emphasises the greatness of our Constitution and the need to keep working towards national progress. https://t.co/a00fSh9qVN
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2025
पीएम मोदी बोले – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संबोधन प्रेरक
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के संबोधन को प्रेरणादायक बताया है, उन्होंने कहा – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एक प्रेरक संबोधन, जिसमें उन्होंने कई विषयों पर प्रकाश डाला और हमारे संविधान की महानता और राष्ट्रीय प्रगति की दिशा में काम करते रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।’