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निर्मला के बजट पर बोलीं ममता – ‘मैं इसे आधे घंटे में बना सकती थी’, राहुल गांधी ने बताया मित्र काल

निर्मला के बजट पर बोलीं ममता – ‘मैं इसे आधे घंटे में बना सकती थी’, राहुल गांधी ने बताया मित्र काल

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नई दिल्ली, 1 फरवरी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2023-24 की जहां सराहना करते हुए कहा कि सरकार का पूंजीगत व्यय पर निरंतर ध्यान केंद्रित करना चौतरफा विकास सुनिश्चित करेगा और इससे निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। वहीं विपक्षी दलों की ओर से मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने बजट की आलोचना की तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला सहित कुछ अन्य नेताओं ने इसपर संतोष भी जाहिर किया।

यह बजट अवसरवादी और जनविरोधी ममता

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आलोचना करते हुए कहा कि वह इस तरह के बजट को आधे घंटे में बना सकती थीं। उन्होंने इसे जनविरोधी बताया। ममता बनर्जी ने कहा, ‘आज का बजट गरीबों के खिलाफ है। जनविरोधी है। इसलिए मैं इस बजट की निंदा करती हूं। इस बजट में सिर्फ अंधेरा है। यह लोगों के लिए सिर्फ एक झांसा है। यह आगामी चुनावों को देखते हुए बनाया गया है।’

महंगाई से निबटने की कोई योजना नहीं – राहुल गांधी

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से निवृत्त होने के बाद आज तनिक विलंब से संसद पहुंचे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे मित्र काल का बजट बताया। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, इस मित्र काल बजट में नौकरियां पैदा करने के लिए कोई विजन नहीं, महंगाई से निबटने की कोई योजना नहीं है, असमानता को दूर करने का कोई इरादा नहीं है।’

फारूक अब्दुल्ला बोले – सबको कुछ न कुछ दिया गया है

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने बजट को लेकर सकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना, अब हम इसपर बात करेंगे, जब मौका आएगा।’

वास्तविक खर्च बजट के मुकाबले काफी कम जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘पिछले साल के बजट ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जातियों के लिए कल्याण से जुड़े आवंटन को लेकर वाहवाही बटोरी थी। आज वास्तविकता सर्वविदित है। वास्तविक खर्च बजट के मुकाबले काफी कम है।’

बजट से किसी को भी फायदा नहीं : पी. चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता या समानता जैसे शब्दों का जिक्र नहीं किया। बजट से पता चलता है कि सरकार लोगों की आजीविका, उनकी चिंताओं, अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में परवाह नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से, गरीब को नहीं, नौकरी की तलाश कर रहे युवा को नहीं, नौकरी से निकाले जाने वाले युवा को नहीं, करदाता को नहीं और गृहिणी को भी नहीं।

शशि थरूर बोले – मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन…

वहीं शशि थरूर ने कहा कि बजट में महंगाई, बेरोजगारी की कोई चर्चा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बजट में कुछ चीजें अच्छी थीं, मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अब भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था।’ उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई।

दिल्ली वालों के साथ फिर सौतेला व्यवहार : अरविंद केजरीवाल

उधर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस बजट की खामियां गिनाईं और कहा कि दिल्ली वालों के साथ फिर सौतेला व्यवहार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली वालों के साथ फिर से सौतेला बर्ताव। दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज्यादा इनकम टैक्स दिया। उसमें से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिए। ये तो दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है।

सीएम केजरीवाल ने किया, ‘इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं। उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी, बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं है। शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक है।’

सिसोदिया बोले – बजट में जुमलों के अलावा कुछ नहीं, कर्ज में डूबेगा देश 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट को लेकर कहा कि यह देश को कर्ज में डुबो देगा। इस बजट से 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का यह केंद्रीय बजट 2023-24 ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है।

‘आप’ नेता ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘सब जानते हैं कि भाजपा ने देश की जनता से अच्छे दिनों का वादा किया था, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का बजट एक ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है। हमने अतीत में ऐसे कई जुमले सुने हैं – जैसे बुलेट ट्रेन की शुरुआत या किसानों की आय दोगुनी करने या 60 लाख रोजगार सृजन करने का वादा।’

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