
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए ड्रॉ प्रक्रिया पूरी, ऑनलाइन पंजीकरण में 750 यात्रियों का चयन
नई दिल्ली, 21 मई। भारत-चीन सैन्य तनाव के चलते पांच वर्षो बाद शुरू होने जा रही वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए यात्रियों का चयन आज एक कंप्यूटरीकृत ड्रॉ के माध्यम से किया गया। विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने जून से अगस्त तक आयोजित यात्रा का ड्रॉ किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता और लैंगिक संतुलन को सुनिश्चित किया गया है।
यात्रियों को उनके चयन की सूचना SMS और ई-मेल के जरिए दी गई
विदेश मंत्रालय के अनुसार चयनित यात्रियों को उनके चयन की सूचना एसएमएस और ई-मेल के जरिए दी गई है। यात्री यात्रा की वेबसाइट (https://kmy.gov.in) पर जाकर अपने चयन की स्थिति देख सकते हैं। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 011-23088133 पर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 750 तीर्थयात्रियों का चयन किया गया। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह की अध्यक्षता में कंप्यूटरीकृत लॉटरी प्रक्रिया से इन तीर्थयात्रियों का चयन हुआ। इस यात्रा के लिए 5 हजार से अधिक लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था।
ख़बर विस्तार से पढ़ने के लिए जुड़ें… pic.twitter.com/elTx0GdIyz
— PB-SHABD (@PBSHABD) May 21, 2025
5,561 आवेदकों के ऑनलाइन पंजीकरण में 750 यात्रियों का चयन
इस वर्ष 5561 आवेदकों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया। इनमें 4024 पुरुष और 1537 महिलाएं थीं। कुल 750 यात्रियों का चयन किया गया है। इनमें प्रति बैच दो स्थानीय अधिकारी भी होंगे। यात्रा में पांच बैच 50 यात्रियों के साथ लिपुलेख मार्ग से और 10 बैच 50 यात्रियों के साथ नाथू ला मार्ग से यात्रा करेंगे। दोनों मार्ग अब पूरी तरह से मोटर योग्य हैं और इनमें बहुत कम ट्रैकिंग करनी होगी।
मार्ग और बैच के विवरण यात्रा की वेबसाइट पर उपलब्ध
मार्ग और बैच के विवरण यात्रा की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने संबोधन में यात्रा को अधिक सुलभ बनाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यात्रियों से यात्रा को जिम्मेदारी, विनम्रता और सजगता के साथ करने की अपील की। उन्होंने पर्यावरण की पवित्रता को बनाए रखने का भी आग्रह किया।
2020 में गलवान घाटी संघर्ष के चलते पूरी तरह बंद कर दी गई थी यात्रा
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण 2020 में यात्रा रुक गई थी। इसके बाद जून, 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सैन्य तनाव के कारण यह पूरी तरह बंद हो गई। हाल में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत और तनाव कम होने के बाद यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया।