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चीन ने टेक्नोलॉजी और मीडिया पर कंट्रोल कर उइगर की समस्या दुनिया से छुपाई

चीन ने टेक्नोलॉजी और मीडिया पर कंट्रोल कर उइगर की समस्या दुनिया से छुपाई

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चीन की दोगली चाल और दोहरा चरित्र पार्ट-3

चीन में वर्षों से उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार-दमन गुजारा जा रहा है और यह बात दुनिया के सामने न आए, इसके लिए भी चीन ने अलग से स्ट्रेटजी बनाई है। इस निमित्त चीन ने टेक्नोलॉजी, आर्मी ओर मीडिया को अपने कंट्रोल में रखा है, जिसके चलते उइगर मुस्लिमों पर होने वाले उत्याचार दुनिया के सामने नहीं आते। अमेरिका के बाद चीन सबसे शक्तिशाली देश है, इसलिए दुनिया का कोई भी देश उइगर मुस्लिमों का मुद्दा नहीं उठाता है, जो देश उइगर मुस्लिम ओर तिब्बतियों का मुद्दा उठाता है, उनका धमकी के साथ पैसे से मुह बंद कर दिया जाता है।

जेएनयू के सीनियर फैकैल्टी डॉ. महेश रंजन देबाता ने चीन की चालाकी और पावर की बात करते हुए बताया कि 2017 में शिनजियांग प्रांत के उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार का मुद्दा सामने आया। ऐसा कहा जाता है कि दो मिलियन लोगों को कैद करके रखा गया है। इस प्रांत के चारों तरफ चीन ने काफी सुरक्षा व्यवस्था रखी है। इसे आज से नहीं, सालों से मिलिट्री कंट्रोल में रखा गया है। यह पूरा इलाका कृषि पर आधारित है और उस पर हान चीनियों का कंट्रोल है। उसके बाद पुलिस औ अंत में आर्मी आती है। इनर मंगोलिया की प्रजा शांति से रहती है, इसलिए वहां बड़ी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। हालांकि वहां भी थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था है। दूसरी तरफ तिब्बत अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।

चीन ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से 70 वर्षों में पहले कंट्रोल किया और फिर सबको कैद में रखा है, ताकि वहां से कोई निकल न सके। शिनजियांग में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिसके चलते उइगर मुस्लिम किसी से बात नहीं करते। चीन में उइगर महिलाओ पर भी अत्याचार किया जाता है। चीनी पुलिस सहित वहां के लोग महिलाओं को मारते-पीटने के साथ उनपर तमाम अत्याचार करते हैं, जिनमें बलात्कार भी शामिल है।

चीन में मीडिया नहीं है, उसका अपना खुद का मीडिया है, वह कोई अत्याचार का न्यूज नहीं देता। चीन की सरकार जो कहती है, वही मीडिया दिखाता है। इतना ही नहीं, इंटरनेट और सोशल मीडिया भी चीन सरकार के नियंत्रण में है, जिसके चलते दमन की कोई घटना दुनिया के सामने आ ही नहीं पाती। उसके अलावा चीन ने ड्रोन ओर सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछा रखा है। आधुनिक टेक्नोलॉजी के चलते सेटेलाइट फोटो सामने आती है, किन्तु ऐसी फोटो में कुछ भी क्लीयर नहीं दिखाई देता है। इसके चलते ऐसे फोटो पर भरोसा करना मुश्किल होता है।

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अब इंटरनेशनल कम्युनिटी के सामने चीन के अत्याचार सामने आ रहे हैं। चीन के बाहर कोई भी देश तिब्बतियों और उइगर मुस्लिम दमन की बात करता है तो चीन राजनीति शुरू कर देता है। चीन बोलता है कि पैसे देकर चीन के खिलाफ बुलवाया जाता है। चीन ने उइगर मुस्लिम ओर तिब्बतियों पर मानसिक, शारीरिक, तकनीकी और नीतिगत तरीके से दबाव बना के रखा है।

तुर्की के वर्तमान राष्ट्रपति अर्दोआन उइगर मुस्लिमों के समर्थक हैं। अर्दोआन ने चीन के उइगर मुस्लिमों का मुद्दा यूएन में उठाने की बात कही थी, किंतु उठाई नहीं क्योंकि चीन का उनपर भारी दबाव था। अर्दोआन की पार्टी को जो बिजनेस ग्रुप मदद करता है, वह ग्रुप चाइना की कम्पनी के साथ व्यापार करता है। इस बिजनेस ग्रुप ने अर्दोआन को फंडिंग करने से इनकार करने की धमकी दी थी, जिसके चलते अर्दोआन ने यूएन मे उइगर मुस्लिमों का मुद्दा नहीं उठाया था।

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चीन में 92% हान हैं जबकि उइगर 2% से कम हैं। दुनिया के सामने चीन उइगर को नागरिक मानते हैं, परंतु देश के अंदर उन्हें लघुमती की तरह ट्रीट किया जाता है। उइगर मुस्लिम को आजादी दी जाए तो उनकी खुद की आर्मी नहीं है, तो अन्य देश हमला करके कंट्रोल कर सकता है। इतना ही नहीं अफगानिस्तान जैसी परिस्थिति पैदा हो सकती है। यही वजह है कि चीन अपना लाभ देखते हुए शिनजियांग प्रांत के उइगर मुस्लिमों को आजादी देना नहीं चाहता।

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