1. Home
  2. हिंदी
  3. महत्वपूर्ण
  4. कहानियां
  5. चीनी शासकों ने इस्लामिक आतंकवाद को ढाल बनाकर उइगर मुस्लिमों पर किया अत्याचार
चीनी शासकों ने इस्लामिक आतंकवाद को ढाल बनाकर उइगर मुस्लिमों पर किया अत्याचार

चीनी शासकों ने इस्लामिक आतंकवाद को ढाल बनाकर उइगर मुस्लिमों पर किया अत्याचार

0
Social Share

चीन की दोगली चाल और दोहरा चरित्र पार्ट-2

दुनिया में 1979 से इस्लामिक क्रांति की शुरुआत हुई, उसके बाद ही इस्लामिक आतंकवाद का मुद्दा सामने आया था। अमेरिका ने भी ग्लोबल टेररिज्म के खिलाफ अभियान शुरू किया था। चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार करने वाले चीनी शासकों ने इस्लामिक आतंकवाद को हथियार बनाकर उइगर मुस्लिमों पर और ज्यादा दमनात्मक काररवाई की शुरुआत की थी। चीनी शासकों ने उइगर मुस्लिमों पर ताकत, आर्थिक ओर डेवलपमेंट के बाद धार्मिक मुदा बनाकर अत्याचार कर उनपर नियंत्रण रखने का प्रयास किया है।

जेएनयू के सीनियर फैकेल्टी डॉ. महेश रंजन देबाता ने बताया कि चीन ने डेवलपमेंट के लिए शिनजियांग सहित कई प्रांतों से रॉ मैटेरियल लिया तो विरोध शुरू हो गया, परंतु चीन ने उस प्रांत में विकास करके विरोध को शांत करने का प्रयास किया था। 1991 तक सब कुछ सही चल रहा था, परंतु उसके बाद परिस्थितियों में बदलाव आया।

1979 से इस्लाम रिवोलेशन की शुरुआत ईरान से हुई, उसके बाद दुनिया के अलग-अलग देश में यह आगे बढने लगा था। इस्लाम को बढ़ावा दिया गया था। इसमें सउदी अरब ने आग में घी डालने का काम किया था और पैसा दिया था। रूसमें 70 वर्षों से मुस्लिम थे, वो आजाद हो गया था। तब रूस पर मुस्लिमों पर अत्याचार का मुद्दा उठा। दुनिया में इस्लाम इश्यु बन गया था। चीन के उइगर मुस्लिमों की भाष और संस्कृति रूस के आजाद हुए देश से मिलती है। इसलिए चीन ने अपने देश में रहने वाले उइगर मुस्लिम पर जेहाद के नाम से दमन गुजारकर कंट्रोल किया था।

9/11 के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ मिशन शुरू किया, उसका भी लाभ चीन ने उठाया था। चीन और पाकिस्तान ने सबसे पहले अमेरिका को समर्थन दिया था। उसके बाद दुनिया के कई देशों ने अमेरिका का समर्थन किया था। आतंकवाद के मुद्दे पर चीन ने अपने देश में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार शुरू कर दिया। इस प्रकार चीन ने उइगर मुस्लिम पर ताकत, आर्थिक और डेवलपमेंट के बाद धार्मिक मुदा बनाया था।

2011-12 मे शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति बने थे। 2013 मे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव शुरू किया गया था। वहां शिनजियांग गेट है। यहां के सेन्ट्रल एशिया का रोड है, सेन्ट्रल एशिया बड़ा मार्केट है। इसलिए शिनजियांग के लोगों को दबा के रखा था। शिनजियांग और तिब्बत में लोगों को कंट्रोल में रखने के लिए कैरट एंड स्टिक पॉलिसी अपनाई थी। आप हमारे साथ हो तो गाजर लो खाओ और स्वस्थ्य रहो, नहीं तो डंडा। चीन ने यही नीति अपनाई थी।

चीन में जो एंटी चाइनीज हैं, उन पर ज्यादा से ज्यादा दमन करके उन्हें कंट्रोल में रखा गया था। 2014 मे जिनपिंग शिनजियांग और तिबेड़ घूमने गए थे। शिनजियांग में एक समय अटैक हुआ तो उन्होंने वहां ग्रेट वॉल ऑफ स्टील बनाने का आदेश दिया था। शिनजियांग पर धीरे-धीरे कंट्रोल किया था। 2008 में तिबेड़ ने दंगा हुआ था तो तिबेड़ को मुद्दा बना के भारत मुश्किल खडी कर सकता है, उसको रोकने के लिए चीन वहां पर चान छुआंन को लेने गया था और तिब्बत सुधार किया था। तिबेड़ में साथ देने वालों को सरकारी नौकरी सहित कई लाभ दिए जबकि विरोध करने वालों को जेल में डाल दिया था। इस प्रकार तिबेड़ पर चीन ने पूरी तरह नियंत्रण कर के रखा है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code