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भाजपा ने लगाया आरोप – जातिगत जनगणना पर देश को भ्रमित कर रही कांग्रेस

भाजपा ने लगाया आरोप – जातिगत जनगणना पर देश को भ्रमित कर रही कांग्रेस

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नई दिल्ली, 17 जून। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर जातिगत जनगणना को लेकर भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा नेताओं – तरुण चुग और सुधांशु त्रिवेदी ने अलग-अलग बयानों में अपनी पार्टी की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और मोदी सरकार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के व्यापक प्रतिनिधित्व पर जोर दिया। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया।

उल्लेखनीय है कि जयराम रमेश ने हाल के सरकारी अधिसूचना में जातिगत जनगणना का उल्लेख न होने पर सवाल उठाए थे। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया था, “हालांकि आज की राजपत्र अधिसूचना में जातिगत जनगणना का उल्लेख नहीं है, क्या यह यू-टर्न के मास्टर का एक और यू-टर्न है? या बाद में विवरण की घोषणा की जाएगी?”

जयराम रमेश खुल्लम-खुल्ला झूठ बोल रहे – जयराम रमेश

वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण चुग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के दावों को खारिज करते हुए उन्हें ‘खुल्लम-खुल्ला झूठ बोलने’ का आरोप लगाया। चुग ने कहा कि भाजपा ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार को पूर्ण समर्थन दिया था।

मंडल आयोग मसले पर पर वीपी सिंह सरकार को भाजपा का पूर्ण समर्थन था

तरुण चुग ने कहा, ‘जयराम रमेश कोरा झूठ बोल रहे हैं। मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने में वीपी सिंह की सरकार को भाजपा ने पूरा समर्थन दिया था और देश का सदन इस बात का गवाह है।’ उन्होंने कांग्रेस के खुद के रिकॉर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2014 में इस्तीफा देने वाली मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में पूरे मंत्रिमंडल में मुश्किल से दो या तीन ओबीसी मंत्री थे।

सुधांशु त्रिवेदी बोले – कांग्रेस की धुंधली दृष्टि और विकृत दृष्टिकोण

वहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पर “धुंधली दृष्टि या जान बूझकर विकृत दृष्टिकोण” के कारण मोदी सरकार की जातिगत जनगणना की स्पष्ट प्रतिबद्धता को न समझ पाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस जान बूझकर सरकार के रुख को लेकर जनता को गुमराह कर रही

सुधांशु त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक व्यापक जनगणना कराने का फैसला किया है, जिसमें सामाजिक-आर्थिक और जातिगत मूल्यांकन शामिल होगा, जो स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा। इसके बावजूद, कांग्रेस जान बूझकर सरकार के रुख को लेकर जनता को गुमराह कर रही है।

जनगणना और सर्वेक्षण के बीच संवैधानिक अंतर समझाया

त्रिवेदी ने जनगणना और सर्वेक्षण के बीच संवैधानिक अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि केवल केंद्र सरकार को ही जातिगत जनगणना करने का अधिकार है जबकि राज्य केवल सर्वेक्षण कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस द्वारा तेलंगाना का उदाहरण देने की आलोचना की और कहा, “कांग्रेस को समझना चाहिए कि तेलंगाना में जो हो रहा है, वह सर्वेक्षण है, जनगणना नहीं। राज्य आधिकारिक जनगणना नहीं कर सकते।”

राज्य आधिकारिक जनगणना नहीं, सिर्फ सर्वेक्षण कर सकते हैं

उन्होंने कांग्रेस पर सामाजिक न्याय की पहल को ऐतिहासिक रूप से बाधित करने का भी आरोप लगाया, जिसमें 1951 में जवाहरलाल नेहरू के तहत जाति-आधारित जनगणना को रोकना और काका कालेलकर समिति की सिफारिशों को लागू न करना शामिल है।

पूछा – तेलंगाना सरकार में कितने ओबीसी मंत्री हैं?

मोदी सरकार की समावेशिता पर जोर देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “आज देश में सबसे ज्यादा ओबीसी मंत्री मोदी सरकार का हिस्सा हैं।” उन्होंने कांग्रेस शासित तेलंगाना सरकार के रिकॉर्ड पर सवाल उठाया और पूछा, “तेलंगाना सरकार में कितने ओबीसी मंत्री हैं?” त्रिवेदी ने कांग्रेस पर “परिवार पहले” की नीति अपनाने और जनता का विश्वास खोने के बाद भ्रामक रणनीतियों का सहारा लेने का भी आरोप लगाया।

भाजपा के सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए त्रिवेदी ने कहा, “भाजपा और एनडीए सरकार का दृष्टिकोण है,’सबका साथ, सबका विकास,और सबका प्रयास सबका विश्वास। हमारा उद्देश्य है सभी जातियों की पहचान, सभी जातियों का सम्मान और सबसे पिछड़ी जातियों का उत्थान है।”

I.N.D.I.A. के घटक दलों पर विभाजनकारी एजेंडा अपनाने का आरोप

इसके विपरीत, उन्होंने कांग्रेस और इसके विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के घटक दलों पर विभाजनकारी एजेंडा अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “उनका उद्देश्य केवल अपने परिवारों का उत्थान और सभी जातियों में घमासान पैदा करना है।” उन्होंने उदाहरण भी लालू यादव और कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के यादव और नेहरू-गांधी परिवार का दिया। उन्होंने कहा कि  क्या इन परिवार से बाहर किसी को कभी इनके राज में सत्ता मिली।

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