1. Home
  2. हिंदी
  3. राष्ट्रीय
  4. यूक्रेन, चीन और फिलीपिंस से लौटे छात्रों को बड़ी राहत – एमबीबीएस परीक्षा पास करने के दो मौके मिलेंगे
यूक्रेन, चीन और फिलीपिंस से लौटे छात्रों को बड़ी राहत – एमबीबीएस परीक्षा पास करने के दो मौके मिलेंगे

यूक्रेन, चीन और फिलीपिंस से लौटे छात्रों को बड़ी राहत – एमबीबीएस परीक्षा पास करने के दो मौके मिलेंगे

0
Social Share

नई दिल्ली, 29 मार्च। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो युद्धग्रस्त यूक्रेन और कोरोना महामारी के कारण कारण चीन व फिलिपींस से पढ़ाई बीच में छोड़कर लौटे भारतीय एमबीबीएस छात्रों को देश के मेडिकल कॉलेजों में अपनी अधूरी परीक्षाओं को पास करने के लिए दो प्रयास के मौके उपलब्ध कराए।

केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच के समक्ष राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) के साथ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में गठित एक समिति की सिफारिश पेश की, जिसमें इस बात का प्रावधान किया गया है कि एमबीबीएस अंतिम वर्ष के लौटे उन छात्रों को एमबीबीएस अंतिम परीक्षा पास करने का मौका दिया जाए, जिन्होंने ऑनलाइन अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की है।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पेश किये हलफनामे में कहा गया है, ‘मौजूदा एनएमसी पाठ्यक्रम और दिशानिर्देशों के अनुसार विदेश से अधूरी पढ़ाई के बीच स्वदेश लौटे छात्रों को एमबीबीएस फाइनल, प्रथम वर्ष और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को पास करने का एक मौका दिया जा सकता है। छात्र किसी भी मौजूदा भारतीय मेडिकल कॉलेज में नामांकित हुए बिना भी एक वर्ष की अवधि के भीतर परीक्षा दे सकते हैं।’

इसके अलावा मंत्रालय के हलफनामे में यह भी कहा गया है कि समिति ने इस बात पर भी जोर दिया है कि यह विकल्प केवल एक बार के लिए हो और भविष्य में इस तरह के किसी अन्य मामले में आधार न बने। छात्रों को दो परीक्षाओं को पास करने के बाद दो साल की अनिवार्य इंटर्नशिप भी पूरी करनी होगी, जिसमें से पहला साल मुफ्त होगा और दूसरे साल का भुगतान एनएमसी द्वारा मानकों के आधार पर किया जाएगा।’

केंद्र सरकार ने हलफनामे के माध्यम से कहा है कि थ्योरी परीक्षा भारतीय एमबीबीएस परीक्षा की तर्ज पर आयोजित की जा सकती है, वहीं प्रैक्टिकल परीक्षा कुछ नामित सरकारी मेडिकल कॉलेजों द्वारा आयोजित की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट में विदेश से लौटे छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ताओं – गोपाल शंकरनारायणन और एस नागमुथु ने भारतीय पाठ्यक्रम के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर विदेश से लौटे छात्रों की चिंता से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया।

इसके बाद जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि अदालत समिति की रिपोर्ट को मामूली संशोधन के साथ स्वीकार करती है कि छात्र को एमबीबीएस फाइनल, प्रथम वर्ष और दूसरे वर्ष की परीक्षाओं को पास करने का एक ही मौका दिया जा रहा है, इससे छात्रों को परेशानी होगी। इस कारण से दोनों परीक्षाओं को पास करने के लिए छात्रों को एक नहीं बल्कि दो मौके दिए जाएं क्योंकि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से कह चुक है कि वो विदेश से लौटे भारतीय छात्रों की समस्याओं पर नरमी से विचार करे।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code