दिल्ली : आतिशी 21 सितम्बर को ले सकती हैं सीएम पद की शपथ, एलजी ने प्रस्तावित की तारीख
नई दिल्ली, 18 सितम्बर। दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे पत्र में दिल्ली की नामित मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के शपथ ग्रहण के लिए 21 सितम्बर की तारीख प्रस्तावित की है। ऐसे में आतिशी 21 सितम्बर को सीएम पद की शपथ ले सकती हैं। हालांकि, AAP विधायक दल की ओर से अब तक मनोनीत सीएम के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कोई तिथि प्रस्तावित नहीं की गई है।
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि एलजी ने निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा भी राष्ट्रपति मुर्मू को भेज दिया है। उल्लेखनीय है कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले मंगलवार को एलजी हाउस जाकर उप राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। केजरीवाल के साथ उनकी पूरी कैबिनेट ने भी एलजी को इस्तीफा सौंप दिया था। उसके साथ ही आतिशी ने दिल्ली में नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया था।
आतिशी को प्रदान की जा सकती है ‘जेड‘ श्रेणी की सुरक्षा
अधिकारियों ने बताया कि आतिशी को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में आतिशी के सुरक्षा घेरे पर फैसला लिया जाएगा। मौजूदा प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली के सीएम को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।
दिल्ली पुलिस इस श्रेणी के तहत पालियों में लगभग 22 जवानों को तैनात करती है। दिल्ली पुलिस केजरीवाल की सुरक्षा की भी समीक्षा करेगी क्योंकि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। केजरीवाल को जेड प्लस सुरक्षा मिली है। इसके तहत केजरीवाल को एक पाली में करीब 40 सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए जाते हैं।
दिल्ली में रैलियों का आयोजन कर जनता का फीडबैक लेंगे केजरीवाल
इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह दिल्ली में रैलियों का आयोजन करेगी, जिनमें अरविंद केजरीवाल जनता का फीडबैक लेंगे। आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी दिल्ली में रैलियां करेगी, जिनमें अरविंद केजरीवाल लोगों से बातचीत करेंगे और अपनी ईमानदारी पर आवाम का फीडबैक लेंगे। आज या कल में इन रैलियों के बारे में घोषणा कर दी जाएगी।
संदीप पाठक ने कहा कि केजरीवाल ने लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए जेल में रहते हुए इस्तीफा नहीं दिया था। उन्होंने अपने आदर्शों के कारण अब इस्तीफा दे दिया है। भाजपा हर जगह सरकारें गिरा रही है। केजरीवाल ने जेल में रहते हुए इस्तीफा ना देकर भाजपा की योजना को विफल कर दिया।