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अरविंदर सिंह लवली फिर भाजपा में लौटे, पहले बताया था ‘वैचारिक रूप से अनुपयुक्त’

अरविंदर सिंह लवली फिर भाजपा में लौटे, पहले बताया था ‘वैचारिक रूप से अनुपयुक्त’

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नई दिल्ली, 4 मई। लोकसभा चुनाव 2024 के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का पाला बदल कार्यक्रम जारी है। इस क्रम में पिछले हफ्ते कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले अरविंदर सिंह लवली एकबार फिर भाजपा में लौट आए हैं। शनिवार को यहां भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में अरविंदर सिंह कांग्रेस के पूर्व विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक के साथ भगवा पार्टी में शामिल हो गए।

कहा – देश में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनेगी

गौरतलब है कि अरविंदर सिंह लवली ने गत 28 अप्रैल को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। अब भाजपा में शामिल होने के बाद लवली ने कहा, ‘हमें भाजपा के बैनर तले और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली की जनता के लिए लड़ने का मौका दिया गया है, इसके लिए मैं शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करता हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि देश में प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी और आने वाले दिनों में दिल्ली में भी भाजपा का परचम लहराएगा।’

2017 में भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस में की थी घर वापसी

यह पहली बार नहीं है कि लवली भाजपा में शामिल हुए हैं। इससे पहले अप्रैल, 2017 में भी उन्होंने कुछ समय के लिए कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन कुछ महीनों के बाद वह यह कहते हुए कांग्रेस में लौट गए थे कि वह भाजपा में ‘वैचारिक रूप से अनुपयुक्त’ हैं।

चार बार रहे हैं विधायक, शीला दीक्षित की सरकार में रहे मंत्री

अरविंदर सिंह लवली दिल्ली पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। इसके अलावा वह चार बार विधायक भी रहे। लवली दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय, शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुके हैं।

छात्र राजनीति में भी रहे हैं सक्रिय

अरविंदर सिंह लवली 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से गौतम गंभीर (भाजपा) और आतिशी (AAP) के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। लवली कॉलेज के दौरान छात्र राजनीति में भी सक्रिय थे। बाद में 1990 में उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में चुना गया और फिर 1992 से 1996 तक उन्होंने नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया।

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