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‘श्री सम्मेद शिखरजी’ मामले में विरोध कर रहे एक और जैन मुनि का निधन, 5 दिनों से अनशन पर थे समर्थ सागर

‘श्री सम्मेद शिखरजी’ मामले में विरोध कर रहे एक और जैन मुनि का निधन, 5 दिनों से अनशन पर थे समर्थ सागर

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जयपुर, 6 जनवरी। ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित करने के झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ अनशन कर रहे एक और जैन मुनि का शुक्रवार को यहां निधन हो गया। राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र जैन ने बताया कि समर्थ सागर (74) पिछले पांच दिनों से अनशन पर थे और शुक्रवार तड़के करीब दो बजे उनका निधन हो गया। समर्थ सागर जयपुर के सांगानेर इलाके में संघीजी मंदिर में अनशन कर रहे थे।

सुभाष चंद्र जैन ने कहा, ‘झारखंड सरकार के फैसले के विरोध में अनशन करते हुए महाराज समर्थ सागर का निधन हो गया। बीते मंगलवार को सुज्ञेयसागर महाराज (72) का भी संघीजी मंदिर में निधन हो गया था। वह भी झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ उपवास कर रहे थे।’

जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल है श्री सम्मेद शिखरजी

उल्लेखनीय है कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल है। जैन धर्मावलम्बी पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में नामित करने वाली झारखंड सरकार की 2019 की अधिसूचना को रद्द करने की मांग कर रहे थे।

केंद्र सरकार ने सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाई

जैन समाज के लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी और झारखंड सरकार को इसकी शुचिता अक्षुण्ण रखने के लिए तत्काल सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

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