1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. ‘इंडिया बनाम भारत’ विवाद पर अधीर रंजन बोले – यदि ‘इंडिया’ विदेशी गुलामी का प्रतीक है तो फिर ‘हिन्दू’ शब्द भी हटाएं’
‘इंडिया बनाम भारत’ विवाद पर अधीर रंजन बोले – यदि ‘इंडिया’ विदेशी गुलामी का प्रतीक है तो फिर ‘हिन्दू’ शब्द भी हटाएं’

‘इंडिया बनाम भारत’ विवाद पर अधीर रंजन बोले – यदि ‘इंडिया’ विदेशी गुलामी का प्रतीक है तो फिर ‘हिन्दू’ शब्द भी हटाएं’

0
Social Share

नई दिल्ली, 6 सितम्बर। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने G20 के वैश्विक नेताओं को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र पर उल्लिखित ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ को लेकर उत्पन्न विवाद में केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह देश के संविधान को ‘बदलने’ की दिशा में मोदी सरकार का पहला कदम है।

अधीर रंजन ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा विपक्षी गठबंधन इंडिया के गठन के बाद से उस शब्द से ‘डर’ गई है। यदि सरकार को ब्रिटिश शासन से इतनी ही दिक्कत है तो उसे तुरंत अंग्रेजों द्वारा निर्मित राष्ट्रपति भवन को छोड़ देना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आपने निमंत्रण पत्र पर ‘भारत का महामहिम’ क्यों नहीं लिखा, आपने ‘भारत का राष्ट्रपति’ क्यों लिखा? मुझे लगता है कि भाजपा ‘इंडिया’ शब्द से डर गई हैं।”

विपक्षी गठबंधन के इंडियानाम के प्रति पीएम मोदी की नफरत बढ़ गई है

अधीर रंजन ने आगे कहा, “जब से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ बना है, पीएम मोदी की ‘इंडिया’ के प्रति नफरत बढ़ गई है। अगर भाजपा को ब्रिटिश शासन से इतनी ही समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह अंग्रेजों के जमाने का वायसराय हाउस हुआ करता था।”

क्या सरकार अब खेलो इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया का नाम नहीं लेगी?

कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अगर ‘बाहरी लोगों’ से जुड़ी हर चीज बदलना चाहती है तो उसे ‘हिन्दू’ शब्द को भी बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा, “क्या भाजपा सरकार अब से खेलो इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया का नाम नहीं लेगी? हमें ‘भारत’ शब्द से कोई दिक्कत नहीं है। मैं तो सिर्फ यह सुझाव देना चाहता हूं कि भाजपा को पहले ‘हिन्दू’ शब्द को बदलना चाहिए क्योंकि यह भी विदेशियों द्वारा दिया गया है और ‘इंडिया’ शब्द भी उसी से बना है।”

चौधरी ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “ज्यादा क्रांतिकारी बनने की कोशिश न करें। ये सब संविधान बदलने की तैयारी का पहला चरण है। वे संविधान के पहले अनुच्छेद को बदलना चाहते हैं, जो कहता है – ‘इंडिया दैट इज भारत’।” उन्होंने ‘इंडिया बनाम भारत’ विवाद पर सरकार को सलाह हेते हुए कहा कि इस बात का फैसला देश के लोगों पर छोड़ देना चाहिए और वो ही यह तय करें कि देश के लिए दो नाम होने चाहिए या नहीं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code