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जम्मू-कश्मीर में आसमानी आपदा : 12 लोगों की मौत, वैष्णो देवी में 8 श्रद्धालुओं की गई जान, 12 घंटे के लिए लॉकडाउन

जम्मू-कश्मीर में आसमानी आपदा : 12 लोगों की मौत, वैष्णो देवी में 8 श्रद्धालुओं की गई जान, 12 घंटे के लिए लॉकडाउन

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जम्मू/श्रीनगर, 26 अगस्त। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को आई आसामानी आपदा ने भारी तबाही मचाई। जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश, वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन और डोडा में बादल फटने की घटनाओं में कुल 12 लोगों की मौत हो गई। इनमें आठ तो वैष्णो देवी के श्रद्धालु शामिल थे।

मूसलाधार बारिश के चलते वैष्णो देवी की यात्रा रोक दी गई। लगभग सभी नदियां उफान पर हैं। पानी के तेज बहाव में रास्ते में आने वाली हर चीज बह गई। चट्टानें, पेड़ और पत्थर ढलानों से नीचे गिर पड़े। कश्मीर घाटी में भी भारी नुकसान की खबर है। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा नेशनल हाईवे बंद कर दिए गए। कई ट्रेनें रद करनी पड़ हैं। पूरे राज्य में लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया और जिला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया। इसके साथ ही जम्मू रीजन के सभी सरकारी और निजी स्कूल को 27 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है।

वैष्णो देवी मंदिर यात्रा मार्ग पर हादसे में 8 की मौत

रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले मार्ग अर्धकुवारी में मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ। इसकी चपेट में आने से कम से आठ लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। अधिकारियों ने बताया कि अर्धकुवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल जुटे हुए हैं और कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन कटड़ा शहर से पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में हुआ।

वैष्णो देवी यात्रा स्थागित

मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं। हिमकोटि मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन पुराने रास्ते पर दोपहर 1.30 बजे तक यात्रा जारी रही, जब अधिकारियों ने बारिश के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाते हुए इसे स्थगित करने का फैसला किया।

राहत-बचाव में जुटी सेना

कई रिश्तेदार अपने प्रियजनों की सूचना प्राप्त करने के लिए कटड़ा स्थित अस्पताल और वैष्णो देवी आधार शिविर में जमा हुए। कुछ घायलों को जम्मू से लगभग 15 किलोमीटर दूर कटड़ा के नारायण अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। जम्मू के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कटड़ा और उसके आसपास बचाव और राहत कार्यों में सेना के तीन कॉलम तुरंत तैनात कर दिए गए।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि एक कॉलम कटड़ा के अर्धकुवारी में लोगों की जान बचाने में मदद कर रहा है। एक कॉलम कटड़ा से ठाकरा कोट जाने वाली सड़क पर भूस्खलन वाले स्थान पर पहुंच गया है और एक कॉलम जौरियां के दक्षिण में सहायता प्रदान कर रहा है। लोगों की जान बचाने, जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने और नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। नागरिक एजेंसियों के साथ गहन समन्वय किया जा रहा है।

डोडा में चार लोगों की मौत

बारिश की तबाही का यह दिन किश्तवाड़ जिले के चिसोती में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के कुछ दिनों बाद आया है, जो मचैल माता मंदिर के रास्ते में आने वाला आखिरी गांव है। चिसोती में 14 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में 65 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर तीर्थयात्री थे जबकि 100 से ज्यादा घायल हुए थे। कई लोग अब भी लापता हैं।

मंगलवार को जम्मू प्रांत में बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में, डोडा जिले में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की सूचना है। इनमें से तीन लोग फिसलकर नदी में गिर गए और तेज बहाव वाले पानी में डूब गए, जबकि एक की घर ढहने से मौत हो गई।

इन इलाकों में भारी नुकसान

क्षेत्र के निचले इलाकों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की सूचना हैं। उन्होंने बताया कि आपदा की असली तस्वीर जमीनी हालात के आकलन के बाद ही सामने आएगी।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने एक आपात बैठक की अध्यक्षता की और जिला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया। अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि आपातकालीन बहाली कार्यों और अन्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उपायुक्तों (डिप्टी कमिश्नर) को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

सीएम अब्दुल्ला ने दिए जरूरी निर्देश

अब्दुल्ला ने प्रशासन को प्रभावित परिवारों को समय पर भोजन, पानी और दवा जैसी जरूरी चीजें उपलब्ध कराने और कमजोर समूहों को राहत मुहैया कराने को प्राथमिकता देने का भी आदेश दिया। बाढ़ के कारण क्षेत्र के लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे निचले इलाके और प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कठुआ में रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया, जिससे कठुआ ज़िले में भारी बाढ़ आ गई। तराना, उझ, तवी और चिनाब जैसी प्रमुख नदियां भी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पुलिस और नागरिक अधिकारियों को लोगों से सुरक्षित क्षेत्रों में जाने की बार-बार सार्वजनिक अपील करनी पड़ रही है।

रात्रि आवागमन पर रोक, धारा 163 लागू

इस बीच जम्‍मू में रात्रि आवागमन को लेकर बीएनएसएस की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है। जम्मू के जिला मजिस्ट्रेट डॉ. राकेश मिन्हास ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लगातार हो रही बारिश, मौसम के अलर्ट और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए रात के समय आवाजाही को प्रतिबंधित करना जरूरी हो गया है। अतः अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 163 के तहत आज यानी 26 अगस्त को रात 8.00 बजे से कल यानी 27 अगस्त 2025 को सुबह 8.00 बजे तक, बिना किसी वैध कारण/सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के, आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर, किसी भी व्यक्ति द्वारा रात्रिकालीन गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा।

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे के दौरान कठुआ जिले में 155.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिलीमीटर, जम्मू में 81.5 मिलीमीटर और कटड़ा में 68.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। प्रशासन ने लोगों को जल निकायों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने के लिए सलाह जारी की है। मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक लगातार मध्यम से भारी बारिश और बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की संभावना का अनुमान जताया है। अधिकारियों ने नागरिकों को जलाशयों और भूस्खलन के जोखिम वाले स्थानों से दूर रहने की सलाह जारी की है।

जम्मू में स्कूल-कॉलेज बंद

जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल को 27 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। जम्मू-कश्मीर विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को होने वाली कक्षा 10वीं और 11वीं की सभी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया। इसके अलावा, जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित विभिन्न सुरक्षा संगठनों में कांस्टेबल के लिए भर्ती अभियान भी दिनभर के लिए रोक दिया गया।

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