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बिहार : अररिया में निर्माणाधीन पुल धराशायी होने के बाद 3 इंजीनियर निलंबित, ठेकेदार पर एफआईआर

बिहार : अररिया में निर्माणाधीन पुल धराशायी होने के बाद 3 इंजीनियर निलंबित, ठेकेदार पर एफआईआर

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पटना, 19 जून। अररिया में उद्घाटन से पहले ही निर्माणाधीन पुल ढहने के बाद बिहार सरकार ने दोषियों के खिलाफ काररवाई शुरू कर दी है। इस क्रम में बुधवार को राज्य सरकार पुल निर्माण से संबंधित तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है और ठेकेदार पर एफआईआर के अलावा उसे काली सूची में डाल दिया है। इस पूरे मामले में सभी संबंधित पक्षों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी गई है।

जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की काररवाई होगी

राज्य में एक के बाद एक कई पुलों के ढहने की घटना के बाद फजीहत झेल रही नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता को निलंबित करने का एलान किया है। सरकार ने कहा है कि जांच के लिए पटना से टीम भेजी जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की काररवाई होगी। पुल बनाने वाले ठेकेदार को भी तत्काल प्रभाव से काली सूची में डाल दिया गया है।

ग्रामीण कार्य मंत्रालय ने कराया था पुल का निर्माण

उल्लेखनीय है कि इस पुल का निर्माण बिहार सरकार के ग्रामीण विकास नहीं बल्कि ग्रामीण कार्य मंत्रालय ने कराया था, लेकिन पुल उद्घाटन के पहले ही ढह गया। मंगलवार की दोपहर अररिया के सिकटी प्रखंड क्षेत्र में बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बने पुल के दो पिलर ध्वस्त हो गए और एक पिलर धंस गया। इसके बाद पुल भी धराशायी हो गया।

12 करोड़ की लागत से बनकर तैयार था पुल

दिलचस्प यह है कि लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से अररिया पुल का निर्माण लगभग पूरा हो गया था। सिर्फ एप्रोच रोड नहीं बनने के कारण पुल पर आवागमन शुरू नहीं हो सका था। बरसाती नदी बकरा में मंगलवार को पानी आया और पुल ताश के पत्ते की तरह भरभरा कर गिर पड़ा। पुल गिरने का वीडियो वायरल है। इसके बाद सरकार की फजीहत हो रही है।

बकरा नदी पर बने इस पुल का निर्माण तीन चरणों में हुआ था। पहले और दूसरे चरण का काम बिहार सरकार के पुल निर्माण निगम ने किया था। पुल निर्माण निगम ने आठ पाए का निर्माण किया था। तीसरे चरण का काम ग्रामीण कार्य विभाग ने अपने जिम्मे ले लिया था। ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से आठ करोड़ की लागत से आठ पाए का निर्माण हुआ था। पहले और दूसरे चरण में बने सभी आठ पाए सुरक्षित हैं। लेकिन जिन पायों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग ने कराया था, वे ढह गए।

केंद्र ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

इस बीच केंद्र सरकार ने पुल धराशायी होने के लिए बिहार की नीतीश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘हम इस पुल को नहीं बना रहे थे। गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है। बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत इसका काम चल रहा था।’

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