पीएम मोदी का आरोप – कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप ‘संवेदनाहीन’ ढंग से श्रीलंका को दे दिया था
नई दिल्ली, 31 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया में आई एक खबर के हवाले से रविवार को कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप ‘संवेदनाहीन’ ढंग से श्रीलंका को दे दिया था।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक खबर साझा करते हुए कहा, ‘आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली खबर। नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कैसे संवेदनाहीन ढंग से कच्चातिवु दे दिया था। इससे प्रत्येक भारतीय नाराज है और लोगों के दिमाग में यह बात बैठ गयी है कि हम कभी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 वर्ष से काम करने का तरीका रहा है।’’
Eye opening and startling!
New facts reveal how Congress callously gave away #Katchatheevu.
This has angered every Indian and reaffirmed in people’s minds- we can’t ever trust Congress!
Weakening India’s unity, integrity and interests has been Congress’ way of working for…
— Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2024
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के इस फैसले के कारण श्रीलंकाई लोग तमिलनाडु के मछुआरों को पकड़ लेते हैं तथा उन्हें जेल में डाल देते हैं क्योंकि कई बार वे भटकर इस द्वीप पर चले जाते हैं जो उनके राज्य के तट से महज 25 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि यह द्वीप 1975 तक भारत के पास था।
उन्होंने कहा कि पहले तमिलनाडु के मछुआरे वहां जाते रहते थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में भारत के श्रीलंका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण रूप से न तो द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और न ही कांग्रेस इस मुद्दे को उठा रही है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी देश और उसके लोगों से जुड़े मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण ऐसा कर रहे हैं।
भाजपा को उम्मीद है कि यह मुद्दा लोकसभा चुनाव में दक्षिणी राज्य में बढ़त हासिल करने के उसके प्रयासों में मददगार साबित होगा। यह खबर भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलई के आरटीआई (सूचना का अधिकार) आवेदन पर मिले जवाब पर आधारित है। उन्होंने पाक जलसंधि में इस द्वीप को पड़ोसी देश श्रीलंका को सौंपने के 1974 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के फैसले को लेकर जानकारियां मांगी थी।
खबर में उस मुद्दे पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की टिप्पणियों का भी उल्लेख है, जो भारत और श्रीलंका के बीच विवाद की जड़ रहा है। पं. नेहरू ने कथित तौर पर कहा था कि उन्हें इस द्वीप पर अपना दावा छोड़ने में कोई झिझक नहीं होगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने पूछा कि वह इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं और उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि न केवल उनकी पार्टी बल्कि उनका परिवार भी इसके लिए जिम्मेदार है