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नमो नवमतदाता सम्मेलन में बोले पीएम मोदी – युवा मतदाताओं का वोट तय करेगा कि भारत की दिशा क्या होगी

नमो नवमतदाता सम्मेलन में बोले पीएम मोदी – युवा मतदाताओं का वोट तय करेगा कि भारत की दिशा क्या होगी

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नई दिल्ली, 25 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आज जब देश वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य पर काम कर रहा है तो युवा मतदाताओं का वोट तय करेगा कि भारत की दिशा क्या होगी। भाजयुमो की ओर से आयोजित ‘नमो नवमतदाता सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जिस तरह 1947 से 25 साल पहले भारत के नौजवानों पर देश को स्वतंत्र कराने का दारोमदार था, उसी तरह 2047 तक यानी आने वाले करीब 25 सालों में युवाओं पर विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी है।

पीएम मोदी ने कहा कि 18 से 25 वर्ष की आयु ऐसी होती है, जब किसी का भी जीवन बहुत से बदलावों का साक्षी बनता है और इन्हीं बदलावों के बीच नवमतदाता वर्ग को एक और जिम्मेदारी साथ-साथ निभानी है। मोदी ने कहा कि यह जिम्मेदारी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के उत्सव में भागीदारी की है। उन्होंने कहा, ‘‘अगले 25 साल का कालखंड दो वजहों से बहुत अहम है। पहला, आप सभी ऐसे समय में मतदाता बने हैं, जब भारत का अमृतकाल शुरू हुआ है। दूसरा, कल 26 जनवरी को देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। अगले 25 साल आपके लिए भी और भारत के लिए भी दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण हैं।’’

प्रधानमंत्री ने युवाओं से कहा कि अगले 25 साल में उन्हें अपना और भारत दोनों का भविष्य तय करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इन 25 वर्षों में आप कई बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ऐसे में जिले, प्रदेश और देश के स्तर पर होने वाले सारे चुनाव में आपकी जिम्मेदारी सबसे बड़ी होगी। आज जब देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य पर काम कर रहा है तो आपका वोट तय करेगा कि भारत की दिशा क्या होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह 1947 से 25 साल पहले भारत के नौजवानों पर देश को स्वतंत्र कराने का दारोमदार था, उसी तरह 2047 तक यानी आने वाले 25 सालों में युवाओं पर विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी है।’’

पीएम मोदी ने कहा कि देश में कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिनकी उम्र स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते हुए 18 से 25 के बीच थी और उनके नाम आज भी इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आपके सामने भी एक ऐसा ही मौका है विकसित भारत के ‘अमृत काल’ की गाथा में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाने का। कैसे लिखा जाए यह आपको तय करना है।’’

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