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डॉ. मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में बनी सहमति

डॉ. मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में बनी सहमति

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भोपाल, 11 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ के बाद अब मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री की कुर्सी की लेकर पिछले आठ दिनों से जारी सस्पेंस खत्म हो गया और सोमवार को अपराह्न विधायक दल की बैठक में उज्जैन दक्षिण के विधायक डॉ. मोहन यादव के नाम पर सहमति बन गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी माने जाने वाले मोहन यादव अब मध्य प्रदेश की कमान संभालेंगे।

जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला डिप्टी सीएम, नरेंद्र तोमर को स्पीकर की जिम्मेदारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार विधायक दल की बैठक में चार बार के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ही ओबीसी नेता 58 वर्षीय मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव किया। इसी क्रम में भाजपा ने छत्तीसगढ़ की ही तर्ज पर एमपी में भी सरकार के गठन का फैसला किया है और यहां भी सीएम के सहयोग के लिए दो डिप्टी सीएम होंगे। ये जिम्मेदारी जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को सौंपी गई है। वहीं शीर्ष नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दिलवाकर राज्य की राजनीति में फिर उतारे गए वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मोहन यादव ने शीर्ष नेतृत्व का जताया आभार

सीएम के नाम के एलान के बाद मोहन यादव ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं. मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जिम्मेदारी दी है, आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा।’

शिवराज चौहान की पिछली कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव

उज्जैन में 25 मार्च, 1965 को जन्मे मोहन यादव पिछले कई वर्षों से भाजपा से जुड़े हैं। वह पिछली शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। वह पहली बार 2013 में विधायक बने और 2018 में दूसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से चुनाव जीता था। मार्च, 2020 में शिवराज सरकार के दोबारा बनने के बाद जुलाई में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया था। दो जुलाई, 2020 को शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सूबे की राजनीति में उनका कद बढ़ा।

उज्जैन दक्षिण सीट पर हैट्रिक पूरी कर विधानसभा पहुंचे हैं मोहन यादव

अपने राजनीतिक प्रयासों के अलावा मोहन यादव को एक व्यवसायी के रूप में भी जाना जाता है। बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव को 12,941 वोटों के अंतर से हराकर उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र पर हैट्रिक पूरी की। मालवा उत्तर क्षेत्र का हिस्सा और उज्जैन लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र 2003 से भाजपा का एक गढ़ रहा है।

दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों के सामने हुआ फैसला

इस अहम फैसले से पहले भाजपा आलाकमान ने आज भोपाल में पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी थी। इसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, आशा लाकड़ा और के. लक्ष्मण के नाम शामिल थे। भोपाल पहुंचने के बाद मनोहरलाल खट्टर और अन्य पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। बताया गया कि खट्टर भाजपा शीर्ष नेतृत्व का संदेश लेकर दिल्ली से आए थे। खट्टर के भोपाल आने के बाद भी नड्डा लगातार उनके साथ संपर्क में बने हुए थे। पर्यवेक्षकों के सामने ही सीएम कौन होगा, इस पर फैसला लिया गया।

फोटो सेशन में पीछे की पंक्ति में बैठे थे मोहन यादव

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की रेस में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा के नाम शामिल थे। इस रेस में मोहन यादव का नाम तक शामिल नहीं था। और तो और विधायक दल की बैठक से पहले हुए फोटो सेशन में भी मोहन यादव पीछे वाली पंक्ति में बैठे थे।

भाजपा ने इस बार 163 सीटों के साथ हासिल किया दो तिहाई बहुमत

गौरतलब है कि 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल किया। जिस राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही थी, वहां कांग्रेस की हालत खस्ता नजर आई। इस क्रम में भाजपा को जहां 163 सीटों पर जीत हासिल हुई वहीं कमलनाथ के चेहरे पर लड़ रही कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट गई।

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