चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी और AAP को भेजी नोटिस, पीएम मोदी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
नई दिल्ली, 14 नवम्बर। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी पार्टी को मजबूत करने और राज्य में सत्ता हासिल करने के लिए सभी बड़े नेता चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। अपनी सभाओं में दूसरे दल और उनके नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने में भी कोई पीछे नहीं है। इस तरह की बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने अब सख्ती बरती है और प्रियंका गांधी वाड्रा और आम आदमी पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी की है।
16 नवम्बर की रात 8 बजे तक देना है जवाब
मध्य प्रदेश की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के मामले में चुनाव ने प्रियंका गांधी वाड्रा को नोटिस जारी की है। कारण बताओ नोटिस में चुनाव आयोग ने 16 नवम्बर की रात आठ बजे तक प्रियंका गांधी वाड्रा को यह बताने को कहा है कि आखिर उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर आयोग द्वारा कदम क्यों न उठाया जाए।
AAP ने सोशल मीडिया हैंडल पर पीएम मोदी के खिलाफ की थी टिप्पणी
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को भी उसके सोशल मीडिया हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गईं कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी की है आम आदमी पार्टी को भी 16 नवम्बर तक आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में जवाब देने को कहा गया है। चुनाव आयोग की ओर से AAP के राष्ट्रीय संयोजक को नोटिस जारी की गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, जो दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है।
भाजपा ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत
भाजपा ने गत 10 नवम्बर को चुनाव आयोग से संपर्क किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘बेहद अस्वीकार्य’ और ‘अनैतिक’ वीडियो क्लिप और टिप्पणियां पोस्ट करने के लिए आप के खिलाफ काररवाई की मांग की थी।
सांवेर की चुनावी रैली में क्या कहा था प्रियंका गांधी ने?
चुनाव आयोग के नोटिस के मुताबिक, भाषण के वीडियो और मध्य प्रदेश के सीबीओ के माध्यम से प्राप्त ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार प्रियंका गांधी ने सांवेर विधानसभा क्षेत्र में एक सार्वजनिक सभा में कहा था, “मोदी जी, ये जो भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) था, जिससे लोगों को रोजगार मिलते थे और जिससे देश आगे बढ़ रहा था, उसका आपने क्या किया? किसको दे दिया? बताएं मोदी जी, किसको दे दिया, अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को क्यों दे दिया।”
नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा, ‘आम तौर पर जनता मानती है कि वरिष्ठ नेता, वह भी एक राष्ट्रीय पार्टी के स्टार प्रचारक की ओर से दिए गए बयान सच हैं, ऐसे में अपेक्षा की जाती है कि नेता उसकी ओर से दिए गए बयानों की जानकारी और तथ्यात्मक आधार रखता हो… ताकि मतदाताओं को गुमराह करने की कोई संभावना न रहे।’